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जिसके बाद हमलोग बाइक व चारपहिया वाहन से एक दर्जन से अधिक ग्रामीण खोजने निकले लेकिन कुछ पता नही चला। उन्होंने बताया कि पशुओ की चोरी लगातार हो रही है। आपको बता दे कि भी 8 माह पूर्व भी इनके घर भीषण चोरी हुआ था। जिसमे लगभग एक लाख रुपए नगद के साथ सोने चांदी के लाखों रुपए के गहने की चोरी हुई थी। जिले की सड़कों पर अंधेरा होते ही पशु चोरों का आतंक शुरू हो जाता है। पशु चोरों के निशाने पर घरों के बाहर बंधे या फिर सड़क पर आवारा घूम रहे पशु रहते हैं। पशु चोरों तक पहुचने में पुलिस भी गंभीर नजर नहीं आ रही है। वही पुलिस की गस्ती व कार्यशैली पर ग्रामीण सवाल खड़ा कर रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चोरी की घटनाएं अधिक हो रही हैं।
पिछले तीन माह के दौरान अब तक तीन दर्जन से भी अधिक पशु चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। लेकिन लचर कार्यप्रणाली के चलते पुलिस आज तक किसी भी चोर का पता नही लगा सकी है, जिसके चलते पशु तस्कर और चोर और अधिक सक्रिय हो गए है, लेकिन पशुपालकों की नींद उड़ गयी है और वे रात-रात भर जागकर अपने पशुओं की रखवाली कर रहे है। पुलिस की निष्क्रियता के कारण कई गावों में ग्रामीणों द्वारा स्वयं मोर्चा संभालना पड़ रहा है। ग्रामीणों को रात के समय जाग कर पशुओं की रक्षा करनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर पुलिस सही तरीके से गस्ती करती तो इस प्रकार की कोइ घटना नही होती। ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस चोरी रोकने में असफल साबित हो रही है।
तीन माह में कुछ प्रमुख घटनाएं:
दो माह पूर्व करौंदा गांव निवासी बनारसी साह के एक भैंस
तराव गांव से एक साथ दो दर्जन बकरी की चोरी
अकोढ़ी गांव निवासी मनु साह के पांच बकरी
उफरौली गांव निवासी मनोज पाण्डेय के दो भैस
मईदाढ़ गांव निवासी मनीष तिवारी के चार भैस
बेलाव पेट्रोल पंप के सामने से बकरी की चोरी
उफरौली गांव निवासी घूरन पाण्डेय के एक भैंस
चन्द्रोदया गांव निवासी ज्योति तिवारी के भैस
दामोदरपुर गांव निवासी गुप्तेश्वर पाण्डेय के दो भैस
अकोढ़ी गांव निवासी राम जी सिंह के तीन भैस