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आगे कहा कि छह महीने बाद चुनाव होंगे, अगर एक नई सरकार चुनकर आ गई तो फिर कह सकती है कि इसका नाम INDIA ही रहेगा, आज नहीं तो 5 बरस बाद जो भी सरकार आएगी वो कर सकती है, जनता की क्या भावना है, जनता क्या चाहती है आप और हम मत के द्वारा व्यक्त करते हैं, जो भी जनप्रतिनिधि पार्लियामेंट में चुन कर जाता है वही लोग तो निर्णय लेंगे, नेता अगर आपकी भावना के अनुरूप निर्णय लेते है तो जनता आपके साथ खड़ी रहेगी अगर वो आपकी भावना के अनुरूप निर्णय नहीं लेंगे तो उनको चुनाव हारना पड़ेगा नई व्यवस्था आएगी उस चीज को करेक्ट कर देगी।