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एसआईटी ने ट्रक भी बरामद कर लिया है, साथ ही ओपी अध्यक्ष की गोली मार हत्या करने में प्रयुक्त की गई देसी कट्टे को भी बरामद कर लिया है जिससे एसएफएल टीम को जांच के लिए भेजा गया है, मवेशी चोरी गिरोह के 30 से 32 सदस्य वाली इस गिरोह के 10 कुख्यात अपराधियों को चिन्हित कर गिरफ्तारी के लिए 10 दिन का समय एसआईटी को गया था, घटना के पांच दिनों के अंदर एसआईटी ने 10 में से चार को गिरफ्तार कर लिया है, गिरफ्तार मवेशी चोर के पास से घटना में प्रयुक्त एक ट्रक, ड्राइविंग लाइसेंस, क्रेता-विक्रेता से संबंधित दास्तावेज, कांड में प्रयुक्त 6 मोबाइल, एक देसी कट्टा बरामद किया गया है।
शेष 6 मवेशी चोरों की गिरफ्तारी को लेकर एसआईटी बिहार सहित अन्य राज्यों में लगातार छापेमारी कर रही है, जहां इनको घटना को अंजाम देना होता है वहां की भौगोलिक स्थिति को समझने के बाद घटना को अंजाम देते हैं जहां पर ज्यादा भैंसे होती है, वहीं पर यह सब चोरी करते हैं, पिछले 6 महीनों में ये लोग जहानाबाद, गया, मोतिहारी, सीतामढ़ी में भी भैंस चोरी की घटना को अंजाम दे चुके हैं, जहां घटना करनी होती है, वहां ये लोग करीब 8 बजे पहुंच जाते है, ट्रक को कही रेत एवं मिट्टी के टीले के आसपास खड़ा कर देते है जहां आसानी से चोरी के मवेशियों को वहां ट्रक पर चढाया जा सके।
एक रेकी करने वाला गिरोह स्कार्पियो से पहले आ जाता है जो पूरे क्षेत्र में घूम कर रेकी कर लेता है पिकअप पर खूद चढ जाते है और भैंस चोरी कर ट्रक में चढाकर भेज देते है, इस गैंग के चार लोग हथियार लेकर चलते हैं उन लोगों का कार्य होता है कि यदि चोरी के दौरान लोग जाग गए तो पूरी गैंग को हवाई फायरिंग कर सुरक्षित निकाल लेते हैं घटना के दिन भी पास के गांव में इन लोगों ने मवेशी चोरी के दौरान ग्रामीणों के जगने पर हवाई फायरिंग की थी जिसकी सूचना क्षेत्र के थानाध्यक्ष को मिली थी।