Home बिहार सीमा से लापता हो रहीं बेटियों का मुद्दा पहुँचा मानवाधिकार आयोग

सीमा से लापता हो रहीं बेटियों का मुद्दा पहुँचा मानवाधिकार आयोग

उनके मुताबिक लापता लड़कियों को नशा तस्करी, फर्जी विवाह, अवैध बच्चा पैदा कराने, ‘जेनरेशन चेंज’ जैसी खतरनाक प्रक्रियाओं, अंग व्यापार और देह व्यापार जैसी गतिविधियों में धकेला जा रहा है।

अधिवक्ता शुभम कुमार झा

Bihar: बिहार–नेपाल सीमा से लड़कियों के रहस्यमय तरीके से गायब होने की बढ़ती घटनाएँ अब गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। पिछले छह महीनों में सीमा क्षेत्र से 100 से अधिक लड़कियों के लापता होने के मामले सामने आए हैं। लगातार बढ़ती इन घटनाओं को लेकर मानवाधिकार अधिवक्ता सुबोध कुमार झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में अलग-अलग याचिकाएँ दाखिल कर हस्तक्षेप की मांग की है। अधिवक्ता झा के अनुसार रक्सौल, रामगढ़वा, आदापुर और अन्य सीमावर्ती इलाकों में लड़कियों के गायब होने की रफ्तार चिंताजनक है।

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NS Newsउनके मुताबिक FIR में दर्ज मामलों की संख्या 83 है, लेकिन वास्तविक आंकड़ा इससे अधिक होने की आशंका है, क्योंकि कई परिवार शिकायत दर्ज ही नहीं करा पाते।  झा का कहना है कि भारत–नेपाल सीमा पर एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी गिरोह लंबे समय से सक्रिय है, जो लड़कियों को लालच या दबाव में नेपाल ले जाकर उन्हें विदेशी नेटवर्कों तक पहुँचा देता है। उनके मुताबिक लापता लड़कियों को नशा तस्करी, फर्जी विवाह, अवैध बच्चा पैदा कराने, ‘जेनरेशन चेंज’ जैसी खतरनाक प्रक्रियाओं, अंग व्यापार और देह व्यापार जैसी गतिविधियों में धकेला जा रहा है।

हाल में रेस्क्यू की गई लड़कियों की कहानियाँ भी दिल दहला देने वाली हैं। प्रशासन द्वारा बचाई गई युवतियों में एक परिवार की चार बेटियाँ भी शामिल थीं। लेकिन अधिकांश लड़कियाँ अब भी लापता हैं, जिससे सीमा से सटे गांवों में भय का माहौल है। अधिवक्ता झा का कहना है कि यह स्थिति पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े करती है। उन्होंने आयोग से मांग की है कि इस पूरे नेटवर्क की जाँच किसी सेवानिवृत्त जज की देखरेख में कराई जाए, और अंतरराष्ट्रीय तस्कर गिरोहों पर केंद्रीय एजेंसियों की मदद से कड़ा शिकंजा कसा जाए।

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