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ग्रामीण की मौत की सूचना मिलते ही गांव में कोहराम मच गया और स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। घटना के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार इन दिनों इलाके में खरीफ सीजन में धान की रोपनी का काम चल रहा है। धान की रोपनी से पहले खेत में पानी भरकर गहरी जुताई और कोड़ाई कर खेत को तैयार करना होता है। बताया जाता है कि धान की रोपनी के लिए खेत को तैयार करने के सिलसिले में भोला साह अपने खेत पर गए थे। इसी दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए।
घटना के बाद पुलिस के द्वारा शव को भभुआ भेज कर पोस्टमार्टम कराया गया। उसके बाद गुरुवार को गांव में गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में स्थानीय जिला पार्षद श्वेता गुप्ता के प्रतिनिधि लोक जनशक्ति पार्टी के जिलाध्यक्ष गजेंद्र गुप्ता समेत कई प्रतिनिधि व ग्रामीण शामिल हुए। जिला पार्षद प्रतिनिधि ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से आकाशीय बिजली की वजह से मौत की घटनाएं काफी अधिक बढ़ गई हैं। सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करते हुए इसके निदान का प्रयास करना चाहिए। आकाशीय बिजली से सबसे अधिक प्रभावित खेती-बाड़ी से जुड़े लोग हो रहे हैं, क्योंकि बरसात के समय में ही उन्हें धान जैसी खरीफ फसलों की बुवाई के लिए खेतों में रहना होता है।