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हत्या का उदभेदन करते हुए सदर एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया की तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद इस हत्याकांड में शामिल में पहले विशाल यादव को गिरफ्तार किया जिसके पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त हुए एक देशी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद किया, विशाल से पूछताछ के बाद पुलिस ने संदलपुर इंद्रप्रस्थ कॉलनी के रहनेवाले आजाद यादव को गिरफ्तार किया जिससे पूछताछ के दौरान आजाद ने बताया की संदलपुर झाझा टोला के रहने वाले गौरव कुमार ने आशीष की हत्या की सुपारी मुझे 10 हजार रूपये में दी और हत्या के बाद मुझे सिर्फ 5 हजार रुपया मिला।
गौरव कुमार की गिरफ्तारी की गई पूछताछ के दौरान पता चला की गौरव ड्रग्स ,स्मैक सहित नशीली पद्रार्थ का सप्लायर था और मृतक ई रिक्शा चालक आशीष के भाई अमित कुमार मुर्फ मिट्ठू नशा का आदि था और गौरव से 25 हजार का नशा के लिए उधारी ले चुका था, जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई उन्होंने आशीष की हत्या के 15 दिन पहले मिट्ठू को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करा दिया था, जब गौरव को इसकी जानकारी हुई तो मिट्टू के परिजनों से बकाया पैसे की मांग करने लगे जब परिजनों ने गौरव को पैसे नहीं दिए और मिट्ठू के बारे में नहीं बताया तो गौरव ने मिट्ठू के बड़े भाई की हत्या की साजिश रची और आजाद को आशीष की हत्या के लिए 10 हजार मे सुपारी दे दी।