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डॉक्टर बीमारी को लाइलाज बता रहे हैं, डॉक्टर ने परिवार को इलाज के लिए बड़े अस्पताल रेफर किया है पिता का कहना है कि उनके पास पैसे ही नहीं हैं इसलिए वो बच्चे को घर लेकर चले गए हैं पिता का कहना है कि जितने दिन वो जिंदा रहेगा हम उसकी सेवा करेंगे, डॉक्टर्स का कहना है कि 3 लाख में बच्चों में से 1 बच्चे में ये बीमारी होती है दुनिया में इस बीमारी के 300 केस हैं, सिविल सर्जन डॉ. अभय प्रकाश चौधरी कहते हैं कि यह ‘कंजेटाइनल एनोमौली‘ का मामला है।
यह जन्मजात विकृति है और इस विकृति की वजह स्पष्ट नहीं है ऐसे बच्चे अमूमन मानसिक रूप से अस्वस्थ होते हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बच्चे के आने पर उसे हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, दरअसल शनिवार करीब साढ़े ग्यारह बजे अमौर प्रखंड के चौका निवासी मो. अशफाक अपनी गर्भवती पत्नी रूबेदा के साथ अस्पताल आए उसे भर्ती किया गया करीब डेढ़ बजे महिला ने अजीब से दिखने वाले बच्चे को जन्म दिया बच्चे को देखते ही मां और परिजनों के होश उड़ गए वे डर गए बच्चे का शरीर पूरी तरह सफेद था उसकी स्कीन जगह-जगह से फटी हुई थी उसकी आंखें और मुंह बड़ा-बड़ा था।