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फल व्यवसाय को अनुमंडल अस्पताल से इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए वाराणसी रेफर दिया गया था। एक सप्ताह तक वह जिंदगी और मौत से जूझते रहे रविवार की शाम उनकी मृत्यु हो गई। मौत की जानकारी होते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा इसके बाद सोमवार को शव के साथ काफी संख्या में लोग शहर के चांदनी चौक पर पहुंचे जिसमें मोहनिया भाग 3 के जिला पार्षद गीता पासी, पूर्व जिला पार्षद सह कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह सहित काफी संख्या में समाजसेवी और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल थे। आक्रोशित लोगों ने चौक के साथ-साथ जीटी रोड को भी जाम कर दिया जिसके कारण सड़क के दोनों किनारो पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जिसमें स्कूली बस और एंबुलेंस भी फंसी रही। लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा था।
घटना की सूचना पर मौके पर पहुंच मोहनिया के थानाध्यक्ष ललन कुमार ने लोगो को समझने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माने इसके बाद मोहनिया की डीएसपी फ़ैज़ अहमद खान पहुंचे। लोगो के द्वारा अपराधियों को सिर्फ गिरफ्तार करने मृतक के पुत्र के नाम से शस्त्र का लाइसेंस देने, परिवार की सुरक्षा के लिए घर पर पुलिस को तैनात करने व सरकारी मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। डीएसपी के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया।। बताया जा रहा है मृतक के भाई की भी पूर्व में हत्या हो गई थी। मृतक बशीर खान के परिवार पर लंबे समय से अपराधियों की नजर है करीब 20 वर्ष पूर्व उनके छोटे भाई फिरोज खान की अपराधियों ने ट्रेन में गोली मार कर हत्या कर दी थी वह मोहनियां से दून एक्सप्रेस में सवार होकर वाराणसी जा रहे थे। इसी दौरान चंदौली स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही अपराधी गोली मार कर भाग निकले। जिससे उनकी मौत हो गयी।