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पुलिस गृहस्वामी को लेकर सकरी तक गई लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। प्राप्त जानकारी के अनुसार शिवराम के अशोक महतो पहले ईंट भठ्ठा का कारोबार करते थे। भाइयों से बंटवारा होने के बाद ईंट भठ्ठा का कारोबार और पुश्तैनी घर छोड़ दिया। शिवराम चौक व उफरदाहा के बीच में अपना मकान बनाकर अशोक इंटरप्राइजेज शुरू किया। यहीं से रंग, पेंट, सेनिटरी और विद्युत सामग्री की बिक्री करने लगे। । उनके आसपास में कोई बस्ती नहीं है। शाम करीब 8 बजे बदमाश दुकान पहुंचे उस समय अशोक महतो दिनभर की बिक्री के हिसाब का मिलान कर रहे थे। तभी दो बदमाशों ने दुकान में घुसकर पिस्टल के बल पर उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। अशोक के मफलर से ही उसका मुंह बांध दिया। दुकान के गल्ला की चाभी मांगी अशोक ने खुला होने की जानकारी दी। इसके बाद गल्ला से 35 हजार नगदी निकाल लिए। तब तक 6 बदमाश दुकान होकर घर में घुस गए वहां मौजूद पत्नी, मां, सास व साली को अपने कब्जे में लेकर चाभी ले ली।
आलमीरा और पेटी खोलकर 4 पीस सोने की चेन, 6 पीस मोबाइल, मंगल सूत्र, नथिया, झूमका, मंगटीका, हीरा का सेट, पायल और कीमती कपड़े आदि निकालकर चलते बने। घर के अंदर घुसे सशस्त्र बदमाशों में तीन का चेहरा खुला था। जबकि तीन चेहरा को ढके हुए थे। गृहस्वामी के अनुसार, बदमाशों में दो की उम्र 45 होगी। अन्य 25 वर्ष के होंगे। सभी मैथिली व हिंदी में बात कर रहे थे। ग्रामीणों ने बताया कि घटनास्थल से करीब 300 फीट की दूरी पर स्थित शिवराम चौक पर एक दुकानदार से मारपीट की सूचना पर पुलिस पहुंची हुई थी। मामले का सुलझाने में जुटी थी। इधर बदमाश लूटपाट को अंजाम दे रहे थे, लेकिन भनक नहीं लग सकी। जिसके बाद पुलिस वहां से लौट गई। गृहस्वामी की सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंची। ग्रामीणों के मुताबिक, अशोक महतो के घर से उत्तर दिशा में करीब 150 फुट की दूरी पर एक अर्द्धनिर्मित मकान है। शाम में कुछ लोग वहां दिखे थे। आशंका जताई जा रही है कि बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने से पहले वहां खाया-पिया होगा। सुबह में पहुंची पुलिस ने उस मकान का भी छानबीन किया। वहां कुछ लाेगों के जूता-चप्पल के निशान मिले, लेकिन खाने-पीने की कोई सामग्री नहीं मिली।