Bihar: गोपालगंज, अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम लला के भव्य प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश और विदेश के लाखों राम भक्तों में उत्साह है। वही इसको यादगार बनाने के लिए न्यास समिति दिनदात एक किए हुए हैं। लेकिन इस उत्साह के बीच में कुछ लोगो में नाराजगी भी है जिसमे वैसे लोग शामिल है, जिन्होंने इस दिन के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। उन्हे इस बात की आशा नही थी की इस तरह उन्हें उपेक्षित किया जायेगा।
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दरसल विवादित ढांचा विध्वंश मामले में बिहार के इकलौता कार सेवक विनय कुमार राय थे। जिस पर सीबीआई ने 22 सौ पेज के आरोप पत्र सौंपा था। विनय युवावस्था से ही इस लड़ाई में कूद पड़े थे। जब उनकी उम्र केवल 20 वर्ष थी इतनी कम उम्र में भगवान राम के प्रति श्रद्धा और उत्साह भरा हुआ था। विनय किसी भी चीज की परवाह किए बिना राम लला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे कसम राम के खाते हैं मंदिर भव्य बनवाएंगे समेत विभिन्न नारो के साथ राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में कूद पड़े। लंबी लड़ाई लड़ी महीनो वर्षों जेल में रहे पुलिस की लाठियां खाई इस उम्मीद के साथ की भगवान श्री राम की खाई गई कसम कभी ना कभी पूरा होगा जो आजफ लीभूत हुआ।
लेकिन जिस दिन की लंबी समय से इंतजार था। वह शुभ दिन आ गई, इन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि इस दिन के आने पर उन्हें उपेक्षा का शिकार होना पड़ेगा। विनय राय ने बताया कि लंबी लड़ाई के बाद भगवान श्री राम अपने घर पधार रहें है। जिसकी काफी खुशी है सिर्फ इन्हें ही नही बल्कि देश और विदेशों के लाखो रामभक्तो में उत्साह है। उन्होंने दुःख व्यक्त करते हुए कहा की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पता नहीं न्यास को कौन निर्देशित कर रहा, किस रूप में निर्देशित कर रहा है कि हम लोगों को आमंत्रण कार्ड तक नहीं भेजा गया।
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