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भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्य्क्ष राकेश टिकैत ने कहा कि बाजार समिति की व्यवस्था समाप्त हो गई है। उक्त बातें उन्होने शनिवार की देर शाम रामगढ़ प्रखंड के सिसौड़ा की नुक्कड़ सभा में कही। कहा की बिहार में किसानों के अनाज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा। भूमि अधिग्रहण मामले में उनकी जमीनों की उचित कीमत नहीं दी जा रही है। जिसके कारण किसान तंगहाली में किसान पलायन को मजबूर हो जा रहे हैं।
श्री राकेश टिकैट ने कहा कि बिहार में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार किसानों को एमएसपी गारंटी दे। उन्होंने कहा कि मंडी कानून खत्म होने के कारण बाजार समिति की व्यवस्था समाप्त हो गई है। किसान अपनी उपज को कम दाम में बेचने के लिए मजबूर हैं।
यदि सरकार किसानों का भला चाहती है तो मंडी कानून बहाल करे। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार योजनाओं के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण कर रही है। लेकिन, मुआवजा वर्तमान बाजार मूल्य से नहीं दिया जा रहा है। सरकार को हर हाल में वर्तमान बाजार मूल्य पर मुआवजा देना होगा। उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि कैमूर में राजमार्गों के निर्माण के नाम पर किसानों की जमीन ली गई है, लेकिन मुआवजा वर्तमान बाजार मूल्य से दस गुना कम दिया जा रहा है।
किसान उचित मुआवजा मांग रहे हैं लेकिन उनकी मांग पर उचित कार्रवाई नहीं हो रही। श्री टिकैत ने कहा कि जहां जहां किसान आंदोलन करेंगे, हम वहां वहां जाएंगे। तीन दिन तक बिहार में घुमकर उनकी समस्याओं से अवगत होंगे। उन्होंने कहा कि बिहार के किसान दिल्ली व अन्य राज्यों में जाकर मजदूरी कर रहे हैं। यह बहुत ही दुखद है। सभा में पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा कि मंडी कानून खत्म होने से बिहार के किसानों को एक लाख करोड़ का नुकसान हो रहा है। ऐसे हालात में जरुरत है कि किसान एकजुट होकर संघर्ष करे। किसानों की हर लड़ाई में हम साथ खड़े रहेंगे। सभा में किसान संघर्ष समिति के बब्बन लाल, रामब्यास बिंद, बेचन लाल, पशुपति नाथ सिंह, मुनेन्द्र गुप्ता, हारुन अंसारी सहित मौजूद रहे।