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घटना के संबंन्ध में प्रदर्शनकारी ने बताया कि मिहिर की हत्या इंदिरा गांधी बेसिक स्कूल के निदेशक द्वारा की गई है और पुलिस इस मामले को लीपा पोती करने में जुटी हुई है। इनका आरोप है कि वजीरगंज के थानाध्यक्ष जो खुद केस के अनुसंधानकर्ता भी है वे घटना के बाद तीन दिनों तक खुद स्थल निरीक्षण करने नहीं गए। साथ में मिहिर के स्वजन को यह भी कहने लगे कि विद्यालय के निदेशक निर्दोष हैं उन्हें गलत तरीके से फसाया जा रहा है। पुलिस के इस बयान पर पूरा व्यवसायी वर्ग आक्रोशित हैं तथा उन्हें अपने कार्य प्रणाली में सुधार लाकर मिहिर को न्याय देने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी पुलिस से विद्यालय निदेशक को अविलंब गिरफ्तार करने एवं मामले का गहन जांच करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी पुलिस के विरुद्ध काफी आक्रोशित नजर आ रहे थे। उनका कहना था कि आज दुकान बंद करके हमने चरणबद्ध आंदोलन का संकेत दिया है।
यदि पुलिस अपने कार्य प्रणाली में सुधार नहीं लाती है तो हम आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे और मिहिर को न्याय दिलाने के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई जारी रखेंगे। आपको बता दे की मिहीर वजीरगंज के पूरा रोड में संचालित इंदिरा गांधी बेसिक स्कूल में पांचवी कक्षा का छात्र था जो बुधवार को विद्यालय के बस से ही पढ़ने के लिए घर से निकला था। वापसी के निर्धारित समय तक उसे घर नही पहुचने पर जब परिजनों ने उसकी खोज बीन शुरू की और विद्यालय संचालक से कुछ जानकारी लेने का प्रयास किया तो यह बताया गया कि बच्चा विद्यालय से पहले ही चला गया है। स्वजनों में व्याकुलता बढ़ गई और वह खोजबीन करने लगे। विद्यालय के निदेशक द्वारा इन्हें कई घंटे तक खोज बीन के बहाने इधर-उधर भटकाया गया फिर उन्हीं के द्वारा रेलवे ट्रैक की ओर बच्चे को खोजने का संकेत दिया गया जहां से उसे मृत अवस्था में पाया गया। निदेशक के व्यवहार से क्षुब्ध होकर परिजनों ने सीधे विद्यालय परिसर में मिहीर की हत्या करने एवं साक्ष्य को छुपाने के लिए उसे रेलवे ट्रैक के किनारे फेंकने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी कराई थी।