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कॉलेज के छात्र छात्राओं का कहना था कि कॉलेज के छात्र और छात्राओं को अनेक प्रकार की सुविधाओं से वंचित है इनमें ट्रांसपोर्टेशन के असुविधा, वार्डों में डस्टबिन की किल्लत, मोबाइल में नेटवर्क नहीं होना तथा मेश में छात्र-छात्राओं को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता में कमी होने समेत कई अन्य तरक्की और असुविधाएं शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार सभी छात्र-छात्राओं की मांग को लेकर बुधवार को धरना दिए थे इस दौरान धरने में शामिल छात्र-छात्राऐं भोजन भी नहीं कर पाए इसी को लेकर प्रिंसिपल कार्यालय के बाहर उनके द्वारा शोर-शराबा हंगामा किया जा रहा था, छात्र-छात्राओं ने बताया कि बीते बुधवार की रात करीब 2 बजे एक छात्रा का तबीयत खराब हो गया था इसको लेकर कॉलेज में ट्रांसपोर्ट की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई लेकिन काफी देर बाद यह सुविधा उपलब्ध हो सके जिसके बाद छात्र-छात्राओं ने व्यक्तिगत माध्यम से जैतपुर कला के किसी व्यक्ति को फोन कर ट्रांसपोर्ट की मांग की तब जाकर कहीं तबीयत खराब छात्रा को इलाज के लिए भेजा गया।
छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि उनके द्वारा जब भी सुधार की मांग की जाती है तो कॉलेज प्रशासन द्वारा नोटिस जारी कर उनके ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया जाता है जिसमें कहा जाता है कि वे सभी हंगामा करते हैं तो उनके विरूद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी गुरुवार के दिन कॉलेज में हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा है कि पुलिस के प्रयास से और काफी मशक्कत के बाद हंगामा बंद हुआ।
इस संबंध में प्रिंसिपल सुधीर कुमार ने बताया कि वह तथा उनके सभी टीचिंग स्टाफ छात्र-छात्राओं को खुद के बच्चों की तरह मानते है, उनके द्वारा लगाए गए आरोप निराधार और बेबुनियाद है, वैसे कॉलेज परिसर में नेटवर्क में परेशानी होती है इसको लेकर टावर निर्माण के लिए कंपनी से बात की जा रही है उम्मीद है कि अगले एक-डेढ़ वर्षों के भीतर यहां बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी।