Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दुबे के सरैया में स्थित श्री ठाकुरजी महाराज गोपालजी महाराज के नाम से मंदिर जिसकी लगभग 25 एकड़ भूमि है जो मंदिर के रखरखाव के लिए दान की गई थी, उस जमीन को कब्ज में लेने के लिए दो पक्षों के द्वारा लंबे समय से चल रहे खुनी संघर्ष पर विराम लग चुका है, भभुआ SDO विजय कुमार एवं SDPO शिवशंकर कुमार ने दोनों पक्षों के साथ बातचीत करते हुए मामले को सुलझाया है।
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इस मामले में प्रथम पक्ष से सदानंद पांडे पिता स्वर्गीय बलिराम पांडे ग्राम दुबे के सरैया एवं द्वितीय पक्ष से अमर बिंद, सुखराम बिंद, रामकेवल शर्मा सहित कुल 24 लोग ग्राम मेढ़ के शामिल है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्री ठाकुरजी महाराज गोपालजी महाराज की मंदिर दुबे के सरैया गांव में स्थित है, जिसकी कुल भूमि 25 एकड़ है उस भूमि को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, इस मामले में दोनों पक्षों को बुलाकर भभुआ SDO विजय कुमार एवं भभुआ SDPO शिव शंकर कुमार मौके पर चैनपुर थानाध्यक्ष भी मौजूद रहे की मौजूदगी में दोनों पक्षों की बातों को सुनते हुए मामले में निष्कर्ष निकाला गया।
निष्कर्ष के अनुसार श्री ठाकुरजी महाराज गोपालजी महाराज पब्लिक ट्रस्ट ग्राम दुबे के सरैया का एक अकाउंट बैंक में खुलेगा ट्रस्ट में अध्यक्ष के पद पर अनुमंडल पदाधिकारी रहेंगे और प्रत्येक वर्ष रेट तय करते हुए खेती के लिए जमीन को बंदोबस्त किया जाएगा प्राप्त पैसा ट्रस्ट के अकाउंट में जमा होगा, इस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है, इस तरह लंबे समय से चले आ रहे विवाद का समाधान हुआ।
आपको बताते चलें कि इस मंदिर की जमीन के विवाद को लेकर ही 1 सितंबर 2021 की तिथि को ग्राम दुबे के सरैया पुल के समीप मेढ़ के एक व्यक्ति सोमू राम के पुत्र रामचंद्र राम को कुछ लोगों के द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी, उसे मामले में 6 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई थी, वह मामला आज भी न्यायालय में चल रहा है, आगे इस तरह की घटना की पूर्णावृत्ति ना हो जिसे लेकर सुलह समझौते के आधार पूरे मामले को निपटाया गया है।
वहीं मामले से संबंधित जानकारी देते हुए भभुआ एसडीओ विजय कुमार के द्वारा बताया गया पूर्व से ट्रस्ट की समिति है, मगर उस समिति में एक ही पक्ष के लोग हैं, उस समिति में कुछ नए लोगों का भी नाम जोड़ा जाएगा, अगले सप्ताह समिति के कोषाध्यक्ष एवं सचिव के नाम से बैंक में खाता खुलवाया जाएगा, और जमीन बंदोबस्ती से संबंधित जो भी आय प्राप्त होगा वह उस खाते में ही डाला जाएगा, इन पैसों से मंदिर का रख रखाव सहित अन्य कार्य होगा।