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उन्होंने भी अपने जीवन में सब कुछ झट-पट ही पाया है। समाज के लिए कुछ किया नहीं है। अपनी कुछ योग्यता नहीं दिखाई है। उन्होंने किसी क्षेत्र में अपना पराक्रम, अपना पुरुषार्थ, अपनी योग्यता नहीं दिखाई है। लालू यादव के लड़के हैं, तो झट-पट कुर्सी पर बैठ गए और बिना झट-पट बिहार को समझे इसे सुधारने की बात कर रहे हैं। लेकिन उनसे कोई यह पूछने वाला नहीं है कि मेरे भाई 15 साल आपके माता- पिता जी यहां पर मुख्यमंत्री थे तब झट-पट आपने बिहार को क्यों नहीं सुधार दिया।
आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि तेजस्वी यादव बिहार के लोगों को बता दें कि आप झट-पट यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था को कब सुधारिएगा। झट-पट यहां के रोड कब बनाई जाएगी। बिहार के गांव की बदहाली है, नाली-गलियों की दुर्दशा को झट-पट कब सुधारा जाएगा अगर, वो बता दें तो मेरा और बिहार की जनता की ओर से उनको बहुत-बहुत शुक्रिया। मैं सभी पत्रकारों से कहना चाहता हूँ की अगर तेजस्वी यादव मिले तो आप उनसे भी झट-पट ये सवाल पूछ लीजियेगा कि कब यहां के लोगों को स्वास्थ्य सेवा नसीब होगी। कब यहां की सड़कों की दशा सुधरेगी। कब बिहार में गांव की दुर्दशा, नालियों की और गलियों की दुर्दशा को सुधारा जाएगा। तेजस्वी यादव आप जो तीन विभाग चला रहे हैं उसके बारे में बता दीजिए, बाकी की बातें बाद में कीजिएगा।