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![बालू](https://nayesubah.com/wp-content/uploads/2021/10/%E0%A4%85%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%A7-%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%AA-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%82-%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A4%A8-e1635044762567.jpg)
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बन रहे गरीबों के घर बनने में भी बाधा पहुंचेगी, निजी घर बनाना और सरकारी निर्माण भी महंगा होगा, मूल्य वृद्धि पर आपत्ति जताते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि नीतीश सरकार बालू दर में बढ़ोतरी को वापस ले नहीं लिया तो आंदोलन होगा।
बालू की कीमत बढ़ने से निर्माण कार्य से जुड़े सभी मजदूरों,राजमिस्त्री, छोटे दुकानदारों को इसकी मार झेलनी पड़ेगी, इन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा, केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया है कि पहले भी नीतीश कुमार को बालू नीति के कारण निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों, राजमिस्त्री, छोटे दुकानदारों की बढ़ती बेरोजगारी के बारे में बताया जाता रहा लेकिन इन बातों पर ध्यान नहीं देते थे।
हाल ही में नीतीश कैबिनेट ने राज्य की 5 नदियों के बालू का स्वामित्व दर बढ़ाने का फैसला लिया इसलिए उनकी सोन, किउल, फल्गू, चानन और मोरहर नदी शामिल है, बिहार में अभी बालू खनन पर रोक है, अक्टूबर से बालू खनन फिर से शुरू हो जाएगा, स्वामित्व दर के नए रेट अक्टूबर से ही लागू होंगे, जानकारों की माने तो अगले महीने से बालू कीमतों में 25 से 30 फ़ीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है।