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अपने बयान में उन्होंने कहा कि होली, दीवाली और छठ को महापर्व माना जाता है इसमें जब तेज आवाज में डीजे बजता है तो रोक लगा दी जाती है तो फिर क्यों नहीं मस्जिद में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगनी चाहिए, मैं चाहूंगा कि इसपर रोक लगे उन्होंने कहा कि जब आप संविधान का और बाबा अंबेडकर का हवाला देकर एक वर्ग पर रोक लगा देते हैं तो फिर मस्जिद पर भी रोक लगनी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट कहा की जनता की मांग है, जब भी किसी मस्जिद में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजता है तो वहां आसपास रहकर पढ़ने वाले बच्चों को समस्या होती है, वहां रहने वाले लोगों को चाहे वो किसी भी धर्म के हों, उन्हें दिक्कत होती है, जनता की आवाज को जब कुचला जाता है, तब जनता आवाज लगाती है, जनप्रतिनिधि और मंत्री होने के नाते हमने इस बात को रखा है जब हर समाज के हर धर्म पर प्रतिबंध लगता है तो इस पर भी रोक लगनी चाहिए।
बता दे कि सूबे में मस्जिद में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने का मुद्दा समय-समय पर तुल पकड़ता रहता है और इस पर जमकर राजनीति भी होती है एक बार फिर मंत्री के इस बयान से बिहार की राजनीति में भूचाल आने की संभावना बढ़ गई है।