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ज़हरीली शराब से मौत के बाद पीके ने शराबबंदी को रद्द करने की मांग

प्रशांत किशोर,

Bihar: सारण में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के बाद गुरुवार को प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को विफल बताते हुए कहा कि इसे 48 घंटे के भीतर कर देना चाहिए, इस दौरान उन्होंने भाजपा, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा और शराबबंदी की विफलता के लिए जिम्मेदार ठहराया, उन्होंने कहा कि शराबबंदी पर सबसे पहले मुखर आवाज हमने ही उठाई, भाजपा के लोग जो आज विधानसभा में हंगामा कर रहे हैं जदयू के साथ 5 वर्ष पहले रहकर शराबबंदी का समर्थन करते थे भाजपा को घेरते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अब कोई भाजपा से सवाल नहीं कर रहा कि जब आप सरकार में थे तो आपने शराबबंदी हटाने के लिए क्या काम किया।

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

बिहार में जितने भी दल हैं उन्हें शराबबंदी को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए, इसके साथ ही तेजस्वी यादव का आड़े हाथ लेते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तेजस्वी यादव विपक्ष में थे तब शराबबंदी प्र सरकार को घेरते रहे थे, अब खुद सरकार चला रहे हैं तो शराबबंदी सही लग रहा है, बड़ी हास्यास्पद बात है कि किसी राज्य का मुख्यमंत्री किसी जिले के डीएम-एसपी को बुलाकर कहते हैं कि आप कसम खाइये कि आप शराब का कारोबार करने वाले लोगों को पकड़ कर कार्यवाही करेंगे।

प्रशांत किशोर ने शराबबंदी कानून को 48 घंटे वापस लेने की बात कही उन्होंने कहा कि अगले 48 घंटे में नीतीश कुमार को यह कानून वापस ले लेना चाहिए, पहले नीतीश कुमार पंचायत स्तर पर शराब की दुकान स्थापित कराई और शराबबंदी लागू करने की वजह सरकार को बीच का रास्ता निकालते हुए एक रेगुलेटेड फ्रेमवर्क में शराब की उपलब्धता करानी चाहिए, ना कि डंडे के बल पर शराबबंदी लागू करना चाहिए, रेगुलेटेड होना चाहिए ताकि कुछ जगहों पर शराब के बिकने पीने से जो कृत्य मामले आ रहे हैं वह थम सके, इसके साथ ही सामाजिक स्तर पर समाज में जैसे सभी जागरूकता अभियान चल रहा है वैसे ही नशा मुक्ति जागरूकता अभियान चलाने का प्रयास करते रहना चाहिए।

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