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उसी को देखकर लोगों को संदेह होना उत्पन्न हुआ, इसके बाद हम लोगों ने इसके बारे में जब पता करना शुरू किया तो कहीं भी यह संस्था रजिस्टर्ड नहीं मिला, वहीं संचालक का कहना है कि मेरी संस्था रजिस्टर्ड है एडमिशन से पहले ही बच्चों को बताया गया था और कार्यालय के बाहर बोर्ड पर भी साफ शब्दों में लिखा गया है एलोपैथी से कौन सी डिग्री होगी और आयुर्वेद से कौन सी डिग्रियां पढ़ाई के बाद मिलेंगे।
सासाराम की एक छात्रा और छात्र ने बताया कि जीएनएम में एडमिशन कराए थे लेकिन वहां धांधली हो गया, यहां एलोपैथिक से डिग्री मिलने की बात बताई गई थी 80 हजार रुपए नामांकन के लिए लिया गया था इनके परीक्षा लेने के तरीके से संदेह हुआ जांच करने पर पता चला संस्थान फर्जी है एलोपैथ में डिग्री देने के बात कह कर आयुर्वेद में डिग्री दे दी गई।
जय पारा मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मेरी संस्था पूरी तरह रजिस्टर्ड है संस्था के आगे भी बड़ा बैनर लगा है इसमें स्पष्ट लिखा है किस चीज की डिग्री एलोपैथी में दी जाएगी और किस चीज की डिग्री आयुर्वेद में दी जाएगी मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आप लोग भ्रम में नहीं आएं, अगर थाने में छात्र आवेदन दिया है तो पुलिस जांच करती है जांच में पूरा सहयोग करेंगे लेकिन जितने भी आरोप लगाए जा रहे हैं सब बेबुनियाद है मेरा संस्था पूरी तरह से रजिस्टर्ड और सरकार के मानक के अनुसार है।