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तब वह जब्बारचक चौक के पास एक दुकान के आगे बैठा था आटो से सादे लिबास में अचानक पुलिसकर्मियों ने उतर कर उसकी चारों तरफ से ऐसी घेराबंदी कर ली कि उसे संभलने का भी मौका नहीं मिला पुलिसकर्मियों ने उसे बैठे ही हाल में उठाते हुए आटो में बैठा लिया और बिना समय गंवाए वहां से तिवारी तालाब वाले रास्ते से हबीबपुर की तरफ तेजी से रवाना हो गए।
पूर्व पार्षद की गिरफ्तारी को लेकर अचानक तेजी से दो अफवाह फैली कुछ लोग सादे लिबास में आटो से पहुंचे पुलिसकर्मियों को देख पूर्व पार्षद के दुश्मनों की तरफ से अगवा कर लेने की बात समझ आक्रोशित हो गोलबंद होने लगे, कुछ लोगों ने उसे एसटीएफ के हत्थे चढ़ जाने का कयास लगाने लगे लेकिन इन अफवाहों के बीच हकीकत यह थी कि हबीबपुर इंस्पेक्टर कृपा सागर पुलिस की दो टीम के साथ छापेमारी कर उसे गिरफ्तार करने में सफल हो गए थे।
दरअसल पूर्व पार्षद ने एक भूखंड की खरीद-बिक्री का वादा कर मुहम्मद कमर खान से पैसे का लेनदेन किया था साढ़े तीन लाख रुपये का बकाया था, पूर्व पार्षद को कमर खान के हक में जमीन की रजिस्ट्री करनी थी लेकिन न तो जमीन रजिस्ट्री की ना ही पैसा ही वापस किया था, जिसके बाद पुलिस पदाधिकारी ने पुलिस पदाधिकारी ने पूर्व पार्षद को बुलाकर पैसे वापस कर देने को एक माह की मोहलत दी थी कि पैसे लौटा दे तो केस दर्ज नहीं कराया जाएगा लेकिन पूर्व पार्षद ने दोनों पक्ष से समझौता करा देने की पहल करने वाले पुलिस पदाधिकारी को ही परोक्ष रूप से धमकी दे डाली कि वह पैसे नहीं लौटाएगा उन्हें जो करना है कर लें।