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सूचना मिलते हैं आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारी व कर्मचारी बिहार पुलिस के उक्त सिपाही के पास पहुंचे तो वहां सिपाही पुलिस वर्दी पहने इधर-उधर घूम रहा था और आरपीएफ और जीआरपी कर्मचारियों को देखकर छिपने का प्रयास करने लगा जिसके बाद उसकी गतिविधि पर संदेह हुआ और यात्रियों के द्वारा मौखिक शिकायत के आधार पर उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
पूछताछ के दौरान यात्रियों के द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार होने पर आरपीएफ ने उसे अपने आरक्षक पहचान पत्र दिखाने को कहा जिसके बाद उसने अपना पहचान पत्र और आधार कार्ड निकाला नाम पता पूछने पर पता चला कि उसका नाम बबलू कुमार दीपक यादव ग्राम थाना जगदीशपुर जिला भागलपुर का ही है, पहचान पत्र में कटिहार के पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी किया गया था लेकिन कार्ड के हस्ताक्षर उस पर जारी करने का अधिकार अंकित नहीं था।
पूछताछ के बाद हिरासत में लिए गए संदिग्ध बिहार पुलिस कांस्टेबल को भागलपुर पुलिस लाइन में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ यह सत्यापित करने के लिए ले जाया गया कि वह असली कांस्टेबल है या झूठा, जांच में पता चला की भागलपुर पुलिस लाइन का कांस्टेबल नहीं है और पहचान पत्र पर अंकित सिपाही संख्या कटिहार में तैनात महिला सिपाही आरती कुमारी 2018 बैच के नाम पर सिपाही संख्या-336 दर्ज है।
उपरोक्त साक्ष्यों के आधार पर उक्त व्यक्ति बिहार पुलिस का एक फर्जी बिहार सिपाही पाया गया जो बिहार पुलिस के सिपाही के भेष में लोगों से धोखाधड़ी कर वर्दी की छवि व सम्मान को धूमिल कर रहा है, उपलब्ध गवाहों की उपस्थिति में गिरफ्तार कर लिया गया, सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद बिहार पुलिस के गिरफ्तार फर्जी कांस्टेबल को शिकायत और दस्तावेजों के साथ उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए जीआरपीएस को सौंप दिया गया।