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गड्ढे में डूब कर युवक की मौत, आक्रोशित लोगों ने सीओ को बनाया बंधक

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Bihar: गया जिले के मोहड़ा प्रखंड अंतर्गत चरावरा के समीप सड़क किनारे आहार में डूबकर एक 35 वर्षीय युवक की मौत हो गई मृतक की पहचान विकैटपुर टोला चरावरा के महेश यादव के पुत्र राजेश कुमार के रूप में की गई है, आहर में सड़क के किनारे निर्माण कंपनी के द्वारा मिट्टी निकालने के लिए 30 फीट तक गड्ढा कर दिया गया है जो काफी खतरनाक है आहार में पानी भी जमा है।

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घटना के बाद स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया और मोहड़ा के अंचलाधिकारी सुनील कुमार को बंधक बना लिया लोगों ने आरोप लगाया है कि निर्माण कंपनी के साथ सीओ की मिलीभगत है, जिसके बाद पुलिसकर्मियों की मदद से सीओ किसी तरह से जान बचाकर निकले इस दौरान आक्रोशित लोगों ने काफी दूर तक सीओ का पीछा भी किया।

ग्रामीणों के द्वारा सीओ के सरकारी वाहन को अपने कब्जे में ले लिया गया है, बताया जा रहा है की मृतक राजेश मवेशी लेकर जा रहा था तभी पैर फिसलने से सड़क किनारे आहार में गिर गया और गहरे गड्ढे में डूब कर उसकी मौत हो गई सूचना मिलते ही काफी संख्या में ग्रामीण वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे, हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस प्रशासन ने किसी तरह लोगों को समझा-बुझाकर शांत करवाया।

जानकारी के अनुसार मोहड़ा प्रखंड के कई सरकारी जगहों से मिट्टी का उठाव किया गया है लेकिन सरकार को राजस्व नहीं दिया गया है कंपनी के लोग हमेशा सीएम हाउस का धौंस दिखाते हैं कुछ समस्या होने पर अधिकारियों के पास सीएम हाउस से फोन आता है इसका फायदा उठाकर कंपनी भी बेतरतीब तरीके से सरकारी संपत्ति का दोहन करती है, प्रशासन की ओर से इस बाबत पर एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि मृतक राजेश कुमार की आश्रित पत्नी को सरकार की ओर से 4 लाख का चेक सौंपा गया है, वहीं पुलिस के द्वारा शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

दरअसल प्रखंड के तेतर पंचायत स्थित भंडारी स्थान के समीप गंगा उद्वहन परियोजना का काम चल रहा है अभी यहां वॉटर स्टोरेज के लिए मिट्टी का पिंड बनाने का काम चल रहा है ग्रामीणों ने बताया कि मिट्टी के लिए निर्माण कंपनी के नियम कानून ताक पर रखकर जहां बड़े-बड़े गड्ढे कर दिए हैं कंपनी के द्वारा किसानों के निजी जमीन से भी मिट्टी ली गई है, लेकिन चरवारा आहर के किनारे सरकारी जमीन से भी 20 से 30 फीट तक की मिट्टी निकाली गई है लापरवाही की हद तो तब हो गई जब गढ्ढे के चारों ओर सुरक्षा घेरा तक नहीं बनाया, गहरे गड्ढे से शव निकालने के लिए कोई भी व्यक्ति हिम्मत नहीं जुटा सका जिसके बाद पोकलेन मशीन लाकर शव को गड्ढे से बाहर निकाला गया। ‌

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