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कर्नाटक में पिछले कई महीने से चले आ रहे इस विवाद पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया अपने इस फैसले में हाईकोर्ट ने हिजाब पहनने वाली छात्राओं को राहत नहीं दी है, कोर्ट ने अपने फैसले में हिजाब पहनने पर रोक जारी रखने की बात कही है, फैसला सुनाते समय चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या हिजाब पहनना जरूरी है? यही नहीं कोर्ट ने हिजाब पहनने की इजाजत देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी, कोर्ट ने कहा कि सरकार के आदेश को खारिज करने का मतलब नहीं क्योंकि हिजाब पर सरकार का आदेश संवैधानिक है।
हाईकोर्ट ने कहा कि छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते और ना ही हिजाब पर रोक का विरोध कर सकते हैं, कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया आने शुरू हो गई है केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने हाईकोर्ट के फैसले का इस्तकबाल किया और कहा कि सभी लोगों से अपील करता हूं कि देश और राज्य को आगे बढ़ाएं, हम सब को शांति का माहौल बना कर रखना है, छात्रों का मूलभूत कार्य अध्ययन और ज्ञान अर्जित करना है सब लोग एक होकर पढ़ाई करें।
हाई कोर्ट की बड़ी बेंच में इस फैसले की सुनवाई काफी दिनों से चल रही थी, अदालत के फैसले को देखते हुए दक्षिण कर्नाटक के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया और कई इलाकों में धारा 144 लगाई गई है, राज्य सरकार ने सभी स्कूलों और कॉलेजों की आंतरिक परीक्षाएं भी टाल दी है जबकि एक्सटर्नल परीक्षाएं तय समय के अनुसार होंगी, वहीं हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है।