Bihar: भारतवर्ष में यह बात सभी जानते हैं कि चार मौसम होते हैं, उसी तरह पूरे वर्ष में चार नवरात्रि भी होती है, चैत्र और शारदीय नवरात्रि को तो सभी लोग जानते हैं, इसके अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती है, इस वर्ष आषाढ़ महीने में गुप्त नवरात्रि आज 30 जून से शुरू होकर 9 जुलाई तक रहेगी, जिसमें मां काली तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूम्रावती, मातंगी, बगलामुखी और कमला की पूजा लोगों के द्वारा विधि विधान से किया जाता है।
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विद्वान धर्म शास्त्री के मुताबिक इस वर्ष गुप्त नवरात्रि बहुत ही शुभ संयोग के साथ शुरू हो रही है, प्रतिपदा तिथि पर ग्रह नक्षत्रों से मिलकर चार अति शुभ योग बन रहे हैं, नवरात्रि का फल देने वाला पर्व आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है यही कारण है कि भक्त किसी भी रूप की आराधना इन 9 दिनों तक कर सकते हैं और फल प्राप्त कर सकते हैं।
आज 30 जून को सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन बना रहेगा, विशेष यह है कि इस दिन ध्रुव, केदार और हंस नाम का महापुरुष योग भी रहेगा, जिसे लेकर मंगल, गुरु, शुक्र और शनि अपनी ही राशि में मौजूद रहेंगे, चार ग्रहों का स्वराशि होना अपने आप में एक बहुत ही शुभ संयोग है, ग्रह नक्षत्रों की इस शुभ स्थिति में इस वर्ष गुप्त नवरात्रि का शुरू होना काफी शुभ फलदाई है, इसलिए इन दिनों में साधकों के द्वारा की गई साधना फलदाई होगी, आराधना से सिद्धि मिलेगी।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक आदिशक्ति की आराधना की चर्चा ही दुर्गा सप्तशती ग्रंथ से शुरू होती है, कहा जाता है कलयुग में आदिशक्ति और गणपति देव के आराधना से ही जीवन के सभी संकट दूर होते हैं, और शुभ होते हैं, मां को प्राकृतिक स्वरूप माना जाता है यही कारण है कि मां की आराधना से प्राकृतिक बाधाओं का सामना करने कि लोगों को शक्ति मिलती है।
यह बात सभी लोग जानते हैं कि मौसम के बदलाव के समय कई मौसमी शारीरिक बीमारियां लोगों को जकड़ लेती हैं, जिसे लेकर प्रत्येक मौसम के लिए मां दुर्गा शक्ति की आराधना की परंपरा बनाई गई है।