Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

जिस पुल की चोरी कर ली गई है उसका निर्माण नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर में आरा कैनाल नहर पर किया गया था लिहाजा वो सिंचाई विभाग के अधीन था 1972 में बने इस पुल का उपयोग नहीं होने के कारण इलाके के लोगों ने इस से मतलब रखना छोड़ दिया था ऐसे में चोरों ने सिंचाई विभाग के अधिकारी के तौर पर यहां जाना सुरक्षित समझा और जेसीबी, गैस कटर के साथ यहां पहुंचे।
अमियावर नहर पर बने 60 फीट लंबे पुल की चोरी चोरों ने 3 दिन में की, उन्होंने 3 दिनों तक किसी को भनक नहीं लगने दी कि जिस पुल की कटाई की जा रही है वह अवैध है या फिर सरकार के आदेश के बिना काटा जा रहा है, चोरों के द्वारा खुद को सिंचाई विभाग का अधिकारी बताते हुए नहर के पास मौजूद सिंचाई विभाग के स्थानीय कर्मचारियों को भी पुल की कटाई और लोड करने के काम में लगा दिया गया, 3 दिनों तक सिंचाई विभाग के कर्मचारी पुल के छोटे-छोटे टुकड़े को काटकर गाड़ी में लोड कर बाहर भेजते रहें लोहे के पुल की चोरी की घटना दिन के उजाले में ही होती रही और किसी को भनक तक नहीं लगी।
जिस काम को सिंचाई विभाग वर्षों से नहीं कर पाया उसे चोरों ने 3 दिन में ही कर डाला, नहर पर बना ये पुल कई वर्षों से जर्जर हो चुका था ऐसे में वर्षों पहले इलाके के ग्रामीण इस पुल को हटाने के लिए विभाग को आवेदन दे चुके थे आवेदन के बाद विभाग ने पुल के बगल में एक कंक्रीट का समानांतर पुल तो बना दिया लेकिन जर्जर पुल को हटाना मुनासिब नहीं समझा देखरेख के अभाव में पुल पर लगे लोहे चोरी होने लगे लेकिन पिछले 3 दिनों में तेजी से काट काट कर इस पूरे पुल को ही चोरी कर लिया गया और इसकी जानकारी ना तो विभाग को लगी और ना ही ग्रामीणों को इस पर शक हुआ।
60 फीट लंबी पुल की चोरी कर ली गई तब ग्रामीण और विभाग को समझ आया कि यह लोग झांसे में पड़ गए हैं तब जाकर विभागीय अधिकारियों के द्वारा थाने को पुल चोरी की घटना की जानकारी दी गई और इस मामले में केस दर्ज कराया गया, जिसके बाद अब नासरीगंज थाना पुलिस पुल चोरों की तलाश में जुट गई है।