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दिल्ली में आयोजित 40वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार बना नंबर वन, जीता गोल्ड पुरस्कार

Desk: दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित 40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले यानी आईआईटीएफ में बिहार नंबर वन बना है, प्रगति मैदान में आयोजित विशेष कार्यक्रम में बिहार को गोल्ड पुरस्कार दिया गया है बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने इस पर खुशी जारी करते हुए कहा कि हर मोर्चे पर बिहार आगे बढ़ रहा है बिहार के हस्तशिल्प और बुनकरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह बहुत बड़ा सम्मान मिला है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य के पारंपरिक उद्योगों को लेकर हर तरह के उद्योगों का सर्वांगीण विकास हो रहा है, देश के कई राज्यों और दूसरे देशों की भी प्रदर्शनी के बीच गोल्ड हासिल कर नंबर वन बना बिहार के लिए बड़ी बात है, उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और जिद है कि हर मोर्चे पर सफलता हासिल करनी है बिहार को उद्योग में भी नंबर वन बनाना है यह सभी राज्य वासियों के लिए गौरव का विषय है।

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उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन

दरअसल दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में 40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में 24 राज्यों की प्रदर्शनी लगी थी साथ ही कुछ प्रदर्शनी विदेशों से भी थे, सभी प्रदर्शनी में बिहार नंबर वन बना है बिहार की तरफ से यह पुरस्कार ट्रिडेंट कमिश्नर पलका साहनी और उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक सिन्हा ने प्राप्त किया, दिल्ली में 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार ने अपने पेवैलियन को 41 स्टोन से सजाए जिसमें बिहार के पारंपरिक लोक कला संस्कृति की झलक पेश करने वाले बेहतरीन उत्पाद देखने को मिले, बिहार पेवैलियन में सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी की मधुबनी पेंटिंग और उनके द्वारा दी जाने वाली मधुबनी पेंटिंग की जीवंत प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही तो बिहार के अन्य हिस्सों में बनने वाली कला कृतियां और बिहार की पारंपरिक उद्योगों द्वारा निर्मित चीजें लोगों को खूब लुभा रही थी।

इस मौके पर बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार की लोक कलाकृतियों ने हमेशा राज्य को गौरवान्वित किया है बिहार के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले बुनकरों के हुनर को देश-विदेश में पहचान मिल रही है इससे बिहार के ग्रामीण इलाकों के लोगों को के आगे बढ़ने के लिए कई संभावनाएं पैदा होंगी, बिहार पैवेलियन में दर्शकों की जबरदस्त आवाजाही रही, बिहार को मिला गोल्ड पुरस्कार न सिर्फ बिहार का सम्मान है बल्कि इससे ग्राहक बिहार के ग्रामीण इलाकों में पूरी निष्ठा मेहनत और लगन से पारंपरिक हुनर लोक कला संस्कृति को आगे बढ़ाने में जुटे हस्तशिल्प और बुनकरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा और वह और तेजी से आगे बढ़ेंगे।

बिहार पैवेलियन की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि यह पर्यावरण अनुकूल चीजों का इस्तेमाल किया गया जिसने इसे अन्य राज्यों के पैवेलियन से अलग बनाया इसके अलावा बिहार पैवेलियन में आने वाले हर दोस्त को ऐसा महसूस हुआ कि वह वाकई बिहार के किसी मेले में पहुंच गए हैं, जहां एक और मधुबनी पेंटिंग, मंजूषा पेंटिंग देखने और खरीदने का मौका मिला, तो दूसरी और बिहार की पहचान भागलपुरी सिल्क साड़ी व सूट, मटका सिल्क साड़ी, वर्क समेत हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के बेहतरीन उत्पाद देखने को मिले, हैंडीक्राफ्ट और आर्टिफिशियल ज्वैलरी देखने को मिली तो राज्य पुरस्कार से सम्मानित विक्रम चक्रवर्ती सिल्क का साॅल लेकर आए और उन्हें इस साल के लिए ही राज्य पुरस्कार मिला है।

पटना के ‘जूटेक’ द्वारा निर्मित जूट से बने उत्पाद दिखे तो मोहम्मद जाहिद लेदर के सामान लेकर आएं यही नहीं दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 40 भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार के लोगों की आस्था से जुड़ी चीजें वशिष्ठ खानपान की भी झलक दिखी संजय गुप्ता ठेकुआ, गुड़ के लड्डू, कचोरी, तिलौरी लेकर आए थे, कुल मिलाकर पूरे बिहार की कला संस्कृति की झलक देखने को मिली, यहां के युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप के तहत तैयार किए गए उत्पादों को भी जगह मिली, यह युवा कल को देश में ही नहीं विदेशों में भी अपना परचम लहराएंगे।

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