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चैनपुर सीएचसी सेंटर में एंबुलेंस के अभाव में एक घंटे तक बाहर बेहोश पड़ी रही प्रसूति

बेहोश पड़ी प्रसूति

Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड सीएचसी सेंटर में मंगलवार की दोपहर एंबुलेंस के अभाव में एक प्रसूति लगभग एक घंटे तक सीएचसी के बाहर ही गंभीर अवस्था में पड़ी रही, दरअसल प्रसूति महिला के साथ सिर्फ एक वृद्ध महिला थी, हॉस्पिटल के बाहर स्ट्रेचर पर पड़ी प्रसूति को देखा स्थानीय कुछ लोग आक्रोशित हो गए और हंगामा करने लगे उस दौरान काफी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई।

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निजी वाहन से मरीज को ले जाते हुए
निजी वाहन से मरीज को ले जाते हुए

प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्राम सिरबीट के निवासी आभा कुमारी पति कुंदन राम जिनका मायका ग्राम मसोई में है, वह अपनी मां इंद्रावती देवी के साथ चैनपुर सीएचसी में सोमवार की रात प्रसव के लिए पहुंची थी, जहां मौजूद चिकित्सक एवं एएनएम के द्वारा महिला को भर्ती करने के बाद इलाज प्रारंभ कर दिया गया मंगलवार की सुबह 10 बजे के करीब आभा कुमारी का प्रसव डॉ आनंद कुमार के द्वारा करवाया गया जिसके बाद 12 बजे के करीब महिला को ब्लीडिंग शुरू हो गई।

जिसके बाद मौजूद चिकित्सक आनंद कुमार के द्वारा स्थिति को नियंत्रण करते हुए उन्हें तत्काल रेफर कर दिया गया। हालांकि उस दौरान प्रसूति महिला के साथ सिर्फ एक वृद्ध महिला जो कि मरीज की मां इंद्रावती देवी थी वह घर के अन्य परिजनों से संपर्क स्थापित कर पूरी बातों को जानकारी देते हुए हॉस्पिटल में बुलाने का कार्य कर रही थी, तब तक स्थानीय कुछ लोग मौके पर पहुंच गए और स्ट्रेचर पर पड़ी एंबुलेंस के इंतजार में बाहर प्रसूति को लोगों ने देखा जिसके बाद लोगों के द्वारा हंगामा किया जाने लगा, हंगामा होते देख स्थानीय काफी संख्या में लोग जुट गए।

इस मामले से संबंधित जानकारी देते हुए प्रसव करवाने वाले चिकित्सक डॉक्टर आनंद कुमार ने बताया महिला काफी गरीब परिवार से हैं, रात के समय प्रसव करवाने के लिए भर्ती हुई थी, सुबह 10 बजे डिलीवरी हुआ 2 घंटे के बाद ब्लीडिंग शुरू हो गई, तत्काल इलाज प्रारंभ करते हुए स्टेबल होने का इंतजार किया जाने लगा ताकि स्थिति में कुछ सुधार हो तब रेफर किया जाए, जब स्थिति में सुधार हुआ तो रेफर किया गया, मगर उस दौरान एंबुलेंस मौजूद नहीं थी, एंबुलेंस के इंतजार में महिला कुछ समय के लिए स्ट्रेचर पर ही बाहर पड़ी रही, जिसे देख लो हंगामा करने लगे।

वही स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि चिकित्सकों के द्वारा लापरवाही बरतते हुए गंभीर स्थिति होने पर रेफर किया गया है जबकि महिला की स्थिति नियंत्रण होने लायक नहीं थी, उस दौरान ही चिकित्सकों को सीएचसी से रेफर कर देना चाहिए था।

वहीं इससे जुड़ी जानकारी लेने पर सीएचसी प्रभारी डॉ राज नारायण प्रसाद ने बताया प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं का प्रयास किया जाता है कि हर हाल में सुरक्षित प्रसव करवा दिया जाए , क्योंकि अगर किसी निजी चिकित्सालय में इलाज करवाने के लिए जाएंगे तो काफी पैसे खर्च होंगे, प्रसव तो करवाया गया मगर ब्लीडिंग ज्यादा होने के कारण उन्हे भभुआ रेफर किया गया।

उस दौरान एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी मात्र सीएचसी में दो एंबुलेंस उपलब्ध है जिसमें एक बखारी देवी जबकि दूसरी मझंगांवा डिलीवरी के लिए मरीज को लाने गई हुई थी, एंबुलेंस आने का इंतजार किया जा रहा था क्योंकि दोनों गांव जहां एंबुलेंस गई हुई थी वह पहाड़ी क्षेत्र में है तत्काल वहां से एंबुलेंस वापस होना भी संभव नहीं था, मरीज के साथ उनके परिजन एंबुलेंस आने का इंतजार कर रहे थे, हालांकि महिला को यहां से रेफर किए जाने के दौरान स्थिति नियंत्रण में थी, निजी वाहन से प्रसूति के परिजनों के द्वारा भभुआ सदर अस्पताल इलाज के लिए ले जाया गया है जहां उनकी स्थिति सामान्य है।

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