Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र के ग्राम रुपिन के स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा चैनपुर प्रखंड मनरेगा कार्यालय में पहुंचकर मनरेगा के तहत ग्राम रूपीन में चल रहे नहर की खुदाई पर आपत्ति जताई गई है, ग्रामीणों का कहना है, वार्ड सदस्य के माध्यम से करवाया जा रहे कार्य से ग्रामीणों को कुछ भी लाभ नहीं है सिर्फ कार्य दिखाकर पैसे की निकासी हो रही है, इस मामले को लेकर स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा प्रखंड मनरेगा पदाधिकारी को एक आवेदन भी दिया गया है, मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए मनरेगा पदाधिकारी के द्वारा तत्काल प्रभाव से कार्य पर रोक लगा दी गई है।
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इससे जुड़ी जानकारी देते हुए ग्राम रूपीन के निवासी उदय प्रताप सिंह, हरेंद्र सिंह, राम नगीना सिंह, कुंदन सिंह, केरा पासवान, कृष्णा सिंह, शिव शंकर सिंह, जयप्रकाश केसरी, भरत सिंह, मोती सिंह, जे पी सिंह आदि ग्रामीणों के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया ग्राम पंचायत सिरबीट के ग्राम रूपीन वार्ड संख्या 7 के वार्ड सदस्य दिलीप सिंह के द्वारा मनरेगा के तहत नहर की खुदाई करवाई जा रही है मगर जिस स्थल से नहर के पानी सिंचाई के ली आती है उस मुख्य मार्ग में ही वार्ड सदस्य के रिश्तेदारों के द्वारा नहर को पाट कर समतल कर दिया गया है।
जिस जगह पर नहर को पाटा गया है, वह पईन लगभग 20 कड़ी की है लगभग डेढ़ सौ मीटर के करीब पईन का मार्ग अवरुद्ध है, उस अतिक्रमण के आगे नहर की खुदाई करवाई गई है, जिससे ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं है, पानी नहर अवरुद्ध होने के कारण आता ही नहीं है, यह कार्य लगभग 5 वर्षों से लगातार चल रहा है, प्रत्येक वर्ष नहर की खुदाई सफाई के नाम पर मनरेगा के माध्यम से संबंधित रोजगार सेवक के मिलीभगत से पैसे की निकासी हो रही है, मगर ग्रामीणों के खेत तक नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है, जिस कारण से लगभग 300 बीघा जमीन सिंचाई से वंचित है,
इस मामले को लेकर लोगों के द्वारा मनरेगा पदाधिकारी के पास लिखित आवेदन देते हुए शिकायत की गई है।
इससे जुड़ी जानकारी लेने पर चैनपुर प्रखंड मनरेगा पदाधिकारी बसंत कुमार के द्वारा बताया गया ग्रामीणों के द्वारा दिए गए आवेदन पर मामले में संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से कार्य को रुकवा दिया गया है, एवं जेई बिंदेश्वरी सिंह को जांच के लिए दिया गया है जांच रिपोर्ट आने के उपरांत मामले में कार्रवाई की जाएगी।