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दरअसल ब्राह्मण जाति पर पूर्व सीएम के बयान के बाद भाजपा कोटे से नीतीश सरकार के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने तीखी टिप्पणी की थी उन्होंने जीतन राम मांझी को राजनीति से संयास ले कर राम-राम जपने की सलाह दी थी, जिसके बाद उनकी पार्टी के नेता ने भी पलटवार किया है।
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हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पूछा है कि जीतन राम मांझी को सलाह देने वाले नीरज सिंह बबलू कौन होते हैं, उन्होंने नीरज सिंह को कुछ बोलने से पहले उम्र का ख्याल रखने की नसीहत दी है, उन्होंने कहा नीरज सिंह बबलू को सोचना चाहिए कि वह किन के बारे में और क्या बोल रहे हैं, हिम्मत है तो वह भाजपा नेताओं पर बोले।
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दानिश रिजवान ने सवाल किया वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को घर बैठने को कहेंगे हम पार्टी के प्रवक्ता ने कहा वह कैलाश विजयवर्गीय को पहले कुछ कहे, जिन्होंने सेक्युलर को जानवरों से बदतर बताया था पहले उन लोगों से माफी मंगवाए, जीतन राम मांझी ने तो माफी मांग ली है, इस दौरान सीएम और बीजेपी नेताओं पर भी निशाना साधा कहा अगर हम अपने चार विधायकों को हटा ले तो इन भी एक नेता सड़क पर आकर राम-राम जपने लगेंगे।
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दानिश रिजवान ने कहा कि अगर वह 4 विधायकों को हटा लें तो फिर एनडीए के नेता कहां जाएंगे यह समझा जा सकता है. मंत्री का पद 1 मिनट में हट जाएगा, वही दानिश रिजवान के बयान का पलटवार करते हुए मंत्री नीरज सिंह बबलू ने कहा है कि एनडीए सरकार 4 विधायकों के बूते नहीं चल रही है बल्कि सभी दलों के सहयोग से चल रही है, अपने बयान पर वह अभी भी कायम है और जीतन राम मांझी को अपनी उम्र देखते हुए राजनीति से सन्यास ले कर राम राम जपना चाहिए, क्योंकि राम ही बेड़ा पार करेंगे।
बताते चलें कि बीते दिनों पटना में एक कार्यक्रम के दौरान ब्राह्मणों और हिंदू को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने आपत्तिजनक बयान दिया था इस पर काफी हंगामा भी हुआ था, जिसके बाद, बाद में खेद जताते हुए उन्होंने कहा था कि वह ब्राह्मणों के नहीं बल्कि ब्राह्मणवाद के विरोधी हैं, पूर्व मुख्यमंत्री ने मांस मदिरा का सेवन करने वाले ब्राह्मणों को हजार बार अशब्द कहने की बात कही थी, इसके बाद उन्होंने ब्राह्मणों के लिए भोज का भी आयोजन किया था जिसमें ब्राह्मणों के साथ धक्का-मुक्की भी हुई थी और ब्राह्मण बिना खाए ही वापस लौट गए थे।
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