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इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री बिहार सरकार को लेकर काफी मुखर हो गए हैं बात बात पर बिहार सरकार को नसीहत दे रहे हैं पिछले दिनों से उन्होंने कार्यकारिणी की बैठक की थी तो उसने कहा था कि 250ML शराब पीने को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए और फिर से उन्होंने शराबबंदी पर कहा कि जितने भी शराबी जेल में है और जेल में बंद है उन्हें सरकार को छोड़ देना चाहिए, बिहार सरकार इसकी समीक्षा को लेकर कोई आयोग बनाने इस शराबबंदी से किसे फायदा और किसे नुकसान हो रहा है फिलहाल जो जेल में बंद है वह गरीब और दलित समुदाय से आते हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने आरक्षण पर भी बिहार सरकार को नसीहत दी और बताया कि दूसरे राज्यों की तर्ज पर बिहार सरकार को भी आरक्षण का दायरा बढ़ाना चाहिए बिहार में अब तक 49 फ़ीसदी का दायरा है लेकिन स्वर्ण आरक्षण को जोड़ दिया जाए तो 59 फ़ीसदी हो जाता है जबकि दूसरे राज्य में अपने स्तर पर ज्यादा आरक्षण दे रहे हैं यहां केंद्र सरकार के पीछे नहीं चलना चाहिए अपनी आरक्षण का दायरा बढ़ाना चाहिए।