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बताया जा रहा है कि परिवादी ने आरोप लगाया है कि वे अपनी रैयती जमीन को ऑनलाइन करने के लिए अंचल कार्यालय में आवेदन दिए थे, इसके लिए सीआइ हिमांशु श्रीवास्तव द्वारा 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई, वहां रुपया देने से इनकार कर वे निवर्तमान अंचलाधिकारी अंशु कुमार के कक्ष में पहुंच न्याय की गुहार लगाने लगे, तो सीआइ अपने दो सहयोगी के साथ वहां पहुंच अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मारपीट करने लगे, उस दौरान अंचलाधिकारी ने भी सीआइ की तरफदारी कर अभद्र भाषा का प्रयोग करते वहां मौजूद सुरक्षा कर्मी से बल पूर्वक धक्का दिलाते हुए चेंबर से बाहर निकलवा दिया।
वहां से थाना में आवेदन देकर गुहार लगाई लेकिन तत्कालीन थानाध्यक्ष ने कोई संज्ञान नहीं लिया, फिर एससी-एसटी थाना में आवेदन देकर गुहार लगाई लेकिन वहां से भी न्याय नहीं मिल सका, उसके बाद मजबूर होकर न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।