Bihar: रोहतास जिला मुख्यालय स्थित परिसदन में गुरुवार को राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख सह राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा के द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहा गया की लोकसभा एवं विधानसभा क्षेत्र के परिसीमन को लेकर राष्ट्रीय लोक मोर्चा बिहार में वातावरण बनाएगी। जिसके लिए शाहाबाद की धरती बिक्रमगंज से संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार का शंखनाद कर महारैली शुरू की जाएगी। आगे कहा कि लोकसभा एवं विधानसभा के परिसीमन की व्यवस्था फ्रीज करने के कारण बिहार जैसे राज्यों को काफी क्षति हो रही है। वर्तमान आबादी के हिसाब से परिसीमन हो तो बिहार में लोकसभा में 40 की जगह 60 एमपी होंगे। इसी तरह विधानसभा की सीट भी बढ़ेगी।
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वही 25 वर्ष बाद फिर दे 2001 में परिसीमन पर रोक का समय 25 साल के लिए बढ़ा दिया गया बीच में एक बार परिसीमन हुआ लेकिन उस समय संख्या नहीं बढ़ी, सिर्फ मतदाताओं की संख्या के आधार पर क्षेत्र को संतुलित किया गया। अब 2026 में वह समय सीमा समाप्त होने वाली है और परिसीमन होना है, लेकिन दक्षिण के कुछ राज्य के नेता भारत सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं की परिसीमन नहीं होना चाहिए। इसके कारण बिहार सहित हिंदी क्षेत्र के कई राज्यों का काफी नुकसान हो रहा है। दक्षिण के राज्यों का कहना है की उत्तर भारत के राज्यों की आबादी ज्यादा बढ़ी है, जबकि हमारी आबादी पर हमने नियंत्रण किया है। इसलिए हमारी जनसंख्या उतनी नहीं बढ़ी है।
परिसीमन लागू होने से उत्तर भारत के राज्यों के सांसदों की संख्या काफी बढ़ जाएगी, जबकि हमारी नहीं बढ़ेगी। इसके खिलाफ पार्टी पूरे बिहार में परिसीमन के लिए वातावरण तैयार करने का काम करेगी। पहले शाहाबाद के बिक्रमगंज में 25 मई को, इसके बाद आठ जून को मुजफ्फरपुर में और इसी तरह बारी-बारी से पूरे बिहार में संवैधानिक अधिकार, परिसीमन सुधार महारैली किया जाएगा। इस क्रम में श्री कुशवाहा ने कहा कि तीन दिन पहले वाल्मीकि नगर में पार्टी के शिविर में जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास किया गया था, जिस पर केंद्र सरकार ने मोहर लगा दी है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं।