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सहरसा व सुपौल के विभिन्न डाकघरों से डाक कर्मियों के द्वारा करोड़ों रुपए की हेराफेरी

Bihar: बिहार के सहरसा के विभिन्न डाकघरों से और सुपौल के भी विभिन्न डाकघरों से डाक कर्मियों के द्वारा 3 करोड़ 45 लाख रुपए की हेराफेरी को लेकर दोनों जिले के कुल 14 कर्मियों को विभाग द्वारा निलंबित कर दिया गया है, दरअसल मामला बीते महीने फरवरी का बताया जा रहा है हालांकि इस तरह की हेराफेरी मामले को लेकर इसी साल के फरवरी माह में जांच करने आए पोस्टमास्टर जनरल पूर्वी क्षेत्र अदनान अहमद सहरसा और सुपौल आये तो उसी समय कुल 14 कर्मियों को निलंबित भी कर दिया।

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हेराफेरी

निलंबित कर्मियों में प्रधान डाकघर सहरसा के डाकपाल राजेश कुमार, मुकेश मिश्रा, वीरेंद्र साहा, मनोज हांसदा, एसबीओ सुपरवाईजर मुकेश निराला शामिल है, इन सब कर्मियों के द्वारा मृत खाते को बिना केवाईसी लिए रिवाइज कर खाता को चालू करके करोड़ों का निकासी कर लिया गया, इसका मास्टरमाइंड प्रधान डाकघर के तत्कालीन डाकपाल राजेश कुमार और एसबीसीओ सुपर वाइजर मुकेश कुमार निराला बताए जा रहे हैं। ‌

विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रधान डाकघर के डाकपाल को अनफ्रिज करने का पावर रहता है इसका उन्होंने दुरुपयोग किया, वहीं सुपरवाइजर मुकेश कुमार निराला द्वारा सही तरीके से जांच नहीं की गई और ना ही ग्राहक का हस्ताक्षर मिलान किया गया आरोपियों द्वारा नियम को ताक पर रख डाकपाल की मिलीभगत से लंबे समय से ट्रांजैक्शन नहीं किए गए मृत खाते को प्रधान डाकघर सहित अन्य डाकघरों में चालू कर दिया गया।

जब 2016 में माइग्रेट होने पर खाते का पैसा बढ़ने लगा तो उक्त कर्मियों के द्वारा पैसा निकासी की जाने लगी जिसकी भनक प्रधान डाकघर के डाकपाल को लगी तो उन्होंने अपने ऊपरी अधिकारियों को सूचना दी इसके बाद इस करोड़ों रुपये की हेराफेरी की पोल खुलने लगी, ‌सूत्रों के अनुसार हेराफेरी के मामले को लेकर सीबीआई जांच के लिए भी विभाग द्वारा अनुशंसा की गई है हालांकि प्रधान डाकघर के डाकपाल राजीव रंजन ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि हमको मालूम नहीं है, हमारे वरीय अधिकारी ही बता पाएंगे। ‌

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