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बताया जा रहा है कि उक्त शिक्षक जितेंद्र पांडेय शरीफ शिक्षकों में जाने जाते हैं उनके स्कूल में छात्रों को लेकर शिक्षक तक सम्मान व आदर भाव से देखते हैं उन्हें संस्कृत के विद्वान शिक्षक की उपाधि मिली है संस्कृत की शिक्षा देने में पूरा समय जाया करते हैं ऐसे विद्वान शिक्षक को भी नहीं बख्शा जा रहा वहीं मामले की गंभीरता को लेते हुए एचएम के द्वारा स्थानीय विधायक व पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को जानकारी दी गई साथ ही विचार विमर्श के तहत 2 दिन के अंदर जो गलती से पैसे निकाल लिए गए वह लोग और में डाल दे तो यह बात बाहर नहीं जाएगी ऐसा कहा गया वरना इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
किसी के द्वारा भी पैसा वापस लॉकर में नहीं डाला गया वही इतनी बड़ी रकम गायब होने के बाद शिक्षक की नींद हराम हो गई है यह पैसा तो विद्यालय को किसी ने किसी तरीके से ट्रेजरी में जमा करनी होंगी वही शिक्षक संघ के सचिव सह समाजिक कार्यकर्ता कमलेश शर्मा उक्त घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि एक गरीब निरीह शिक्षक के सरकारी के सरकारी मद का रखा गया विद्यालय के स्टाफ के रूम से लॉकर रूम से पैसा निकालने की घटना शर्मसार है इसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है ऐसी स्थिति में पैसा चोरी करने वाले शिक्षकों से बच्चों का भविष्य गढ़ने की क्या उम्मीद की जा सकती है।
बताते चलें कि एक ऐसा समय था जब रामगढ़ हाई स्कूल अनुशासन और शिक्षा के मामले में जिले में अपनी पहचान स्थापित किया था जहां कक्षाएं अपने समय पर संचालित होती थी लेकिन बदलते समय में सब कुछ इस विद्यालय से छीन गया, अब तो स्थिति यह हो गई है कि जो शिक्षक बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त हुए हैं वही रुपयों को चोरी कर ले रहे हैं, अब तो उनके द्वारा लॉकर से रुपए चोरी किया जा रहा है और बड़ी बात यह है कि जो लॉकर शिक्षकों को उपलब्ध हुए हैं उनमें दूसरे की भी चाबी लग जाती है जिसका शिकार शिक्षक जितेंद्र पांडेय को होना पड़ा, रामगढ़ हाई स्कूल में मुख्य गेट से लेकर स्टाफ रूम तक कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा जिस वजह से इतनी बड़ी घटना घट गई, जबकि अब सभी विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य कर दिया गया है अगर केवल स्टाफ रूम में या प्राचार्य के रूम में सीसीटीवी कैमरा रहता तो शायद यह घटना नहीं घटती।