कैमूर (भभुआ): बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कैमूर जिले के रामगढ़ विधानसभा से एक बड़ा राजनीतिक विवाद सामने आया है। राजद प्रत्याशी अजित सिंह ने अपने चुनावी मंच से ऐसा बयान दिया जिसने पार्टी के अंदर भूचाल ला दिया है।
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खुले मंच से बोलते हुए अजित सिंह ने राजद नेता तेजस्वी यादव को सीधी चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा—
“रामगढ़ में जो चाल चल रही है, मैं सब समझ रहा हूं। अगर रामगढ़ से मैं चुनाव नहीं जीतता हूं, तो बिहार में तेजस्वी भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। यह मेरा दावा है।”
उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि रामगढ़ में राजद की अंदरूनी स्थिति ठीक नहीं चल रही है और किसी तरह की अंदरूनी साज़िश का अंदेशा जताया जा रहा है।
चार दिन पहले की सभा में भी खुली नाराज़गी
जानकारी के अनुसार, चार दिन पहले रामगढ़ में आयोजित राजद की चुनावी सभा में भी अजित सिंह ने मंच से यही आरोप दोहराया था।
उन्होंने कहा था कि उन्हें हराने की साज़िश रची जा रही है और यदि वे हार गए, तो इसकी राजनीतिक कीमत तेजस्वी यादव को भी चुकानी होगी।
मंच पर मौजूद बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने भी बड़े भाई होने के नाते उनका समर्थन करते हुए हुंकार भरी।
यादव समाज में खींचतान, बसपा को बढ़त?
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, रामगढ़ के यादव समाज में इस बार मतों का ध्रुवीकरण देखने को मिल रहा है।
अजित सिंह की बजाय बड़ी संख्या में यादव मतदाता बसपा प्रत्याशी सतीश यादव उर्फ पिंटू सिंह के समर्थन में जुटते दिख रहे हैं।
इसी वजह से राजद प्रत्याशी का गुस्सा खुलकर मंच पर सामने आया।
राजद कार्यकर्ता भड़के—माफी की मांग तेज
अजित सिंह के इस बयान ने राजद कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी पैदा कर दी है।
कई कार्यकर्ताओं का कहना है कि चुनावी मंच से पार्टी नेतृत्व को धमकी देना शोभनीय नहीं, इससे पार्टी की छवि खराब होती है।
राजद कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है—
अजित सिंह सार्वजनिक रूप से माफी मांगें
अन्यथा रामगढ़ में उनके खिलाफ खुला विरोध किया जाएगा
पार्टी हाईकमान से मांग—ऐसे बयान देने वाले प्रत्याशी पर कड़ी कार्रवाई हो
रामगढ़ में यह विवाद चुनावी तापमान और बढ़ा रहा है, और देखने वाली बात होगी कि राजद इस बगावती स्वर पर क्या कदम उठाती है।