कैमूर, भभुआ: बिहार विधानसभा चुनाव में कैमूर जिले की मोहनिया विधानसभा सीट पर बड़ा राजनीतिक ड्रामा देखने को मिल रहा है। राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन निवास प्रमाण पत्र और नागरिकता में गड़बड़ी के कारण रद्द कर दिया गया है।
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चुनाव आयोग ने पाया कि श्वेता सुमन ने 2020 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले को अपना मायका बताया था, जबकि 2025 के चुनाव में खुद को बिहार के कैमूर जिले की निवासी बताया। इस विरोधाभास को लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई, जिसके आधार पर जांच के बाद आज उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
हालांकि, इस पर अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन यह खबर पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई है।
श्वेता सुमन का आरोप — “भाजपा डर गई, इसलिए दबाव बनाकर मेरा नामांकन रद्द कराया गया”
राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा उनकी लोकप्रियता से डर गई थी, इसलिए अधिकारियों पर दबाव बनाकर उनका नामांकन रद्द कराया गया।
> “मैं बीस वर्षों से कैमूर में रह रही हूं। कल स्क्रूटनी के दौरान मुझसे जाति प्रमाण पत्र मांगा गया, और आज कहा गया कि नामांकन रद्द हो गया। यह सब साजिश के तहत हुआ है। भाजपा को डर है कि राजद यहां से जीतकर सरकार बना सकती है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव पदाधिकारी (सीओ और आरओ) पर दबाव डाला गया और डीएम का फोन भी आया था।
🔹 भाजपा प्रत्याशी पर आरोप
श्वेता सुमन ने भाजपा प्रत्याशी संगीता कुमारी पर भी निशाना साधते हुए कहा,
> “संगीता कुमारी ने 10 हजार की नौकरी में 2 हजार का कमीशन लिया। ऐसे भ्रष्ट नेता जनता के हित में नहीं हैं। गीता पासी का डॉक्यूमेंट भी मेरे जैसा था, लेकिन उनका नामांकन स्वीकार कर लिया गया — आखिर क्यों?”
उन्होंने कहा कि वह इस पूरे मामले को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी।
🔹 अब मुकाबला रहेगा भाजपा बनाम जन सुराज
श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होने के बाद अब भाजपा की संगीता कुमारी और जन सुराज की गीता पासी के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह फैसला मोहनिया की सियासी समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है।