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बिहार के विकास का ढोंग रचने वाले कभी जनता का भला नहीं होने वाला सीएम कहते हैं कि भाजपा ने बर्बाद कर दिया लेकिन भाजपा के साथ रहकर ही जदयू कितनी सीटें मिली है अब अलग होकर चुनाव लड़ कर देख ले दो से अधिक सीट नहीं मिलेगी आरजेडी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद पूरे देश में विपक्ष को एकजुट करने के निकले थे लेकिन किसी ने भाव नहीं दिया बिहार के विकास का दावा कर अपने से अपनी पीठ थपथपाते हैं।
मोहनिया का जगजीवन भवन 17 साल में खंडहर में तब्दील हो गया है जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है, बिहार का दौरा करने निकलने वाले हैं जहां जाते हैं वहां वहां वहां विरोध होता है कोई टमाटर फेकता है तो कोई काला झंडा दिखाता है तो पुलिस के द्वारा लाठी से पिटवाते हैं जो उनकी तानाशाही का परिचायक है, जब विकास हुआ तो विरोध क्यों हो रहा है किसानों के हित की लड़ाई के लिए भी अपनी कुर्बानी देने को तैयार है बिहार में किसानों के हित के लिए उनकी 2 मांगे हैं नीतीश कुमार अगर मान लेते हैं तो वे आजीवन अपना मुंह बंद कर लेंगे लेकिन अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो सड़क से सदन तक आंदोलन करते रहेंगे इसे कोई नहीं रोक सकता।