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मोकामा में हत्या के बाद बवाल: 18 घंटे तक रुका रहा दुलारचंद का शव, पुलिस छावनी में बदला इलाका

दुलारचंद यादव हत्याकांड से मोकामा सुलगा, FIR में अनंत सिंह समेत पांच नामजद, 4. हत्या के बाद मोकामा में हाई अलर्ट, ग्रामीणों के विरोध के बीच भेजा गया दुलारचंद का शव

हत्या के बाद मोकामा में हाई अलर्ट

Bihar, पटना: मोकामा विधानसभा क्षेत्र के पंडारक प्रखंड के भदौर थाना क्षेत्र में गुरुवार को जनसुराज प्रत्याशी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद पूरे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया है। वारदात के बाद भदौर और आसपास का क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल की तैनाती की गई है।

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शुक्रवार को घटना के करीब 18 घंटे बाद पुलिस ने आक्रोशित ग्रामीणों के विरोध के बीच दुलारचंद का शव पोस्टमार्टम के लिए बाढ़ अनुमंडल अस्पताल भेजा। शव उठाने के दौरान ग्रामीणों और पुलिस के बीच कई बार नोकझोंक भी हुई।

दुलारचंद के पोते के बयान पर पुलिस ने जदयू प्रत्याशी और पूर्व विधायक अनंत सिंह, उनके भतीजे रणवीर और कर्मवीर सहित पांच लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं अनंत सिंह के समर्थक की शिकायत पर जनसुराज प्रत्याशी और उनके समर्थकों के खिलाफ भी अलग से मामला दर्ज हुआ है।

कैसे हुई हत्या

घटना गुरुवार दोपहर लगभग 3:30 बजे बसावनचक गांव के पास हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावरों ने पहले दुलारचंद के पैर में गोली मारी, जिससे वे गिर पड़े। इसके बाद उन्हें एक चारपहिया वाहन से कुचल कर मौत के घाट उतार दिया गया। घटना के बाद टाल क्षेत्र में भारी तनाव फैल गया।

दुलारचंद यादव का पुराना आपराधिक इतिहास भी रहा है। वर्ष 1990 में उन्होंने मोकामा विधानसभा से लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था और लंबे समय से स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे।

हत्या के बाद समर्थक शव को तारतर स्थित पैतृक गांव ले गए, जहां देर रात तक भीड़ जुटी रही। ग्रामीणों ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया, जिसके कारण प्रशासन को भारी मशक्कत करनी पड़ी।

पुलिस का बयान

एएसपी टू अभिषेक कुमार ने कहा कि शुरुआती जांच में गोली और वाहन से कुचलने की बात सामने आई है, परंतु मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा। पटना पुलिस ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर फिलहाल मौत संदेहास्पद प्रतीत हो रही है। अंतिम निष्कर्ष एसएफएल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही संभव होगा।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज

ग्रामीणों ने हत्या के लिए अनंत सिंह और उनके समर्थकों को जिम्मेदार बताया है। दूसरी ओर, अनंत सिंह का कहना है कि यह उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है। उनका आरोप है कि राजद समर्थक सूरजभान के गुट ने उनके काफिले पर हमला किया, जिसमें कई लोग घायल हुए और लगभग 10 गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं।

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