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उन लोगों ने बताया कि वह क्लीनिक खोलने की सोच रहे हैं जिसके बाद पवन ने कहा कि उसका घर खाली है इसके बाद आनन-फानन में एक बोर्ड लटका दिया गया और अपने नाम पर पवन ने मरीजों का इलाज करना शुरू कर दिया ढाई साल में मिलकर 20 से अधिक मरीजों का ऑपरेशन किया गया यूट्रस के अलावा हर्निया, अपेंडिस का भी ऑपरेशन करने लगे, पुलिस की पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि पवन सिर्फ मैट्रिक तक पढ़ा है और डॉ आरके सिंह के बहकावे रुपए कमाने के लालच में आकर अपने नाम के आगे डॉक्टर शब्द जोड़ दिया प्रतिदिन डॉक्टर आरके अपने असिस्टेंट पवन के साथ आते थे और यहाँ मरीज देखते।
पूछताछ में पवन ने बताया कि शुरुआती दिनों में यूट्रस के ऑपरेशन के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी लेकिन सब ने मृतका के परिजनों को रुपए देकर उनका मुंह बंद करा दिया जिस कारण यह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा बरियारपुर और उसके आसपास के इलाकों में गांव में उसकी अच्छी पकड़ थी जिसके बाद उनके मरीजों की संख्या बढ़ने लगी, फिलहाल पुलिस की जांच पड़ताल में डॉक्टर आरके सिंह घटना के बाद से गायब है और उनका भी तक कोई सुराग नहीं मिल सका है पूछताछ में बताया कि आरके सिंह मुजफ्फरपुर कच्ची पक्की का रहने वाला लेकिन पुलिस उनके घर को नहीं ढूंढ रखी है सूत्रों के अनुसार आरके सिंह ने पवन के जरिए जमकर रुपए कमाए थे जिसके बाद मुजफ्फरपुर में ही मकान बनाया था उसका सकरा में भी क्लीनिक होने की बात सामने आई है हालांकि अभी लोकेशन नहीं मिल सका है।
पुलिस के जांच में यह भी पता चला कि आरके सिंह एमबीबीएस के फर्जी डिग्री लेकर घूमता था और भोले-भाले ग्रामीणों को दिखाकर ठगने का काम करता था पवन को उसने रुपए कमाने का जरिया बना रखा था फिलहाल आरके सिंह गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है गिरफ्तारी के बाद भी सच्चाई सामने आएगी किडनी निकालने के पीछे की क्या वजह थी अब तक की जांच में लापरवाही साबित हुई है अभी जांच की जा रही है पुलिस मानव तस्करी के सभी बिंदुओं पर जांच कर दी है लेकिन अभी तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है।