Home बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद लिया फैसला...

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक के बाद लिया फैसला बीपीएससी पीटी की परीक्षा पुराने नियमों के अनुसार ही होगी ‌

बीपीएससी

Bihar: 67वीं बीपीएससी की परीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में फैसला लिया गया कि 21 सितंबर को एक ही पाली में परीक्षा होगी, दरअसल अभ्यर्थियों ने इसे लेकर बुधवार को प्रदर्शन किया था जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई थी जिसमें फैसला लिया गया है‌।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

बीपीएससी परीक्षा
बीपीएससी परीक्षा

बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन की बड़ी जीत हुई है, बैठक के आयोग के चेयरमैन ने पूरी स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारी और क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ विमर्श किया गया है, बैठक में फैसला लिया गया कि बीपीएससी पीटी की परीक्षा पूर्व की तरह ही एक ही दिन और एक ही पाली में ली जाएगी।

दरअसल 8 मई को बीपीएससी पीटी की हुई परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद सभी सेंटर से परीक्षा को रद्द कर दिया गया था इसके बाद इसकी जांच की गयी तो कई लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई जिसके बाद बीपीएससी ने कई तरह के बदलाव भी किए किसी बदलाव के तहत बीपीएससी ने 2 दिनों 20 और 22 सितंबर को परीक्षा लेने का फैसला किया, साथ ही परसेंटाइल सिस्टम से रिजल्ट देने का फैसला लिया गया था। ‌

आयोग का कहना है कि छह लाख से ज्यादा अभ्यार्थी है इसलिए सेंटर तलाशने में मुश्किल हो रही है इसी कारण से 2 दिन यानी आधे अभ्यार्थी 1 दिन और आधी अभ्यार्थी के दूसरे दिन परीक्षा देंगे, हालांकि अब एक ही दिन एक ही में पाली में परीक्षा दी जाएगी।

अभ्यार्थियों ने सोशल मीडिया के जरिए विरोध अभियान चलाया था, आयोग ने अभ्यर्थियों की नहीं सुनी तो अभ्यार्थी सड़क पर उतर गए, दरअसल बीपीएससी इस तरह के सिस्टम पर यानी परसेंटाइल सिस्टम परीक्षा लेने जा रही है कि किसी भी राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा इस तरह से संचालित नहीं होती है साथ ही वास्तविक अंकों के साथ छेड़छाड़ किया जाएगा, कोई बेहतर अंक लाकर भी बाहर हो जाएगा और कोई कम अंक लाकर भी पास हो जाएगा मूल्यांकन की प्रक्रिया मूल्यांकन की प्रक्रिया वास्तविक मार्क्स पर ना होकर आभासी मार्क्स पर होगी जो ठीक नहीं है, परसेंटाइल सिस्टम लागू होने से भ्रष्टाचार का एक और द्वार खुलेगा, ये परीक्षा अभी तक समानता के आधार पर होती आ रही थी, जो बुरी तरह प्रभावित होगी।

Exit mobile version