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इस सम्बन्ध में मिली जानकरी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की दूसरी अनुशंसा के बाद हंस व रिशु के खिलाफ अब विशेष निगरानी ने गुरुवार को नया मुकदमा दर्ज किया है। दरसल रिशु बिहार में रहकर ठेकेदारी करता है। आइएएस लाबी के साथ विभिन्न सरकारी महकमों में उसकी विशेष पकड़ है। पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता के साथ ही आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। जंहा इस कार्रवाई में पौने तीन करोड रुपए से अधिक नगद बरामद किया गया था। जिसके बाद इस मामले की जाँच की गई तो रिशु श्री का नाम सामने आया था।
वही जाँच के दौरान ईडी को पता चला की रिशु रंजन सिन्हा संजीव हंस के लिए विभिन्न कंपनियों के बीच होने वाले लेनदेन में मध्यस्थ की भूमिका निभाता था। जांच में पाया गया था कि रिशु श्री के करीब एक दर्जन अधिकारियों से नजदीकी संबंध हैं अधिकतर अधिकारी निर्माण कराने वाले विभाग में तैनात हैं। कुछ दिनों पूर्व ही ईडी ने प्रमाण मिलने के बाद हंस और रिशु के खिलाफ मुकदमे की अनुशंसा गृह विभाग से की थी। ईडी की अनुशंसा के बाद सरकार ने कार्रवाई के पूर्व महाधिवक्ता कार्यालय से मंतव्य मांगा था। अब जबकि महाधिवक्ता कार्यालय की हरी झंडी मिली तो विशेष निगरानी ने हंस और रिशु श्री के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज की है।