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मई महीने में नहीं हुई एक भी कैबिनेट बैठक, जातीय जनगणना बना रोड़ा

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Bihar: बिहार में हर हफ्ते एक कैबिनेट बैठक होती है लेकिन मई के महीने में एक भी कैबिनेट बैठक नहीं हुई वैसे तो मंगलवार और शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक होती है इस कैबिनेट की बैठक में बिहार की आगामी योजनाओं और योजनाओं को लेकर सरकार के तरफ से दिए जाने वाली राशि को निर्गत किया जाता है, कई ऐसे फैसले होते हैं जिनको सरकार की तरफ से लागू करना होता है उन्हें भी कैबिनेट की बैठक में ही पास किया जाता है लेकिन पिछले 5 मंगलवार से एक भी कैबिनेट बैठक नहीं हो सकी है सूत्रों के अनुसार कैबिनेट की बैठक जातीय जनगणना को लेकर होने वाली सर्वदलीय बैठक के बाद ही होगी।

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जातीय जनगणना

कैबिनेट बैठक ना होने के पीछे की वजह जातीय जनगणना बताई जा रही है बिहार में जाति जनगणना कराने को लेकर कैबिनेट की मंजूरी आवश्यक है, सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि जातीय जनगणना पर आने वाला जितना भी खर्च है उसे बिहार सरकार वहन करेगी, अब इस बड़े योजना को बिहार में लागू करने से लेकर खर्च तक के लिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी है और अभी तक जातीय जनगणना बीजेपी की तरफ से एक राय नहीं हो पाई है ऐसे में मंत्रिमंडल की बैठक टल रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि जातीय जनगणना कराने का मामला बिहार कैबिनेट से पास करा लिया जाए ताकि इस पर होने वाले खर्च से लेकर व्यवस्था तक सरकार दुरुस्त हो सूत्रों के अनुसार इस महीने में जातीय जनगणना पर सब कुछ फाइनल करना चाहते हैं लेकिन इस को लेकर बीजेपी में असमंजस की स्थिति है कैबिनेट में बीजेपी के मंत्रियों की संख्या ज्यादा है अब तक जातीय जनगणना को लेकर बीजेपी की ओर से स्पष्ट राय सामने नहीं आई है इस कारण कैबिनेट बैठक टल रही है।

मंगलवार को कैबिनेट बैठक निर्धारित होती है यह तभी स्थगित रहती है जब सरकार के अंदर कोई अवरोध हो या सरकार में जो घटक दल है उसमें खटपट चल रही हो तभी कैबिनेट बैठक नहीं होती है, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि अगली बैठक में जातीय जनगणना को मंजूरी मिली इसी को लेकर बैठक टाल रहे हैं।

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