Angered by the change of booth, 99 candidates of Pipardih Panchayat of Nowhatta block withdrew their nominations
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इस संबंध में गुरुवार को पंचायत चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल किए सभी पद के प्रत्याशी ने नौहट्टा गोदाम में एक सामूहिक बैठक कर सर्वसम्मति से नाम वापसी का निर्णय लिया था, प्रत्याशियों ने कहा की प्रशासन की नजर में आज भी हम लोग गुलामी की जिंदगी जी रहे हैं, देश के कई उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में चुनाव कराया जा रहा है, लेकिन प्रशासन पंचायत चुनाव को पहाड़ पर स्थित बुथों पर ना करा कर भुड़वा डिग्री कॉलेज नौहट्टा व चुन्हट्टा कर दिया गया है, जो 20 25 किमी दूर पहाड़ से उतर कर जाना होगा।
यहां लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है, यही नहीं चुनाव के दिन जिउतिया पर्व भी है, जिउतिया के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रहती हैं, उस दिन महिलाओं का बूथ पर आना और असंभव है, वही वनवासियों का कहना है की जब कैमूर पहाड़ी नक्सली गतिविधियों से मुक्त हो गया है, तब पुलिस प्रशासन चुनाव कराने में क्यों कतरा रही है।
बताते चले की कैमूर पहाड़ी को नक्सल मुक्त होने के बाद वर्ष 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव जिला प्रशासन द्वारा कराया गया है, जो पुरी तरह शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, नक्सली के खात्मा के बाद अब जंगल पहाड़ में प्रशासन के लोग घूमते हैं और कोई परेशानी नहीं होती है, फिलहाल दो महीने पहले डीएम पहाड़ पर सरकार आपके द्वार कार्यक्रम शांति ढंग से पूर्ण हुआ, वही इस संबंध में नौहट्टा के बीडीओ सह निर्वाचित पदाधिकारी अनुराग आदित्य के अनुसार पीपरडिह पंचायत से 99 नाम वापसी का पत्र प्राप्त हुआ है, वहीं प्रत्याशियों का कहना है की शेष बचे प्रत्याशी शनिवार को नाम वापस ले लेंगे।