Bihar, अरवल: बिहार में भ्रष्टाचार पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (Vigilance Investigation Bureau) की कार्रवाई लगातार जारी है। बुधवार को अरवल सदर अस्पताल परिसर में बने औषधि नियंत्रण कार्यालय में तैनात ड्रग्स इंस्पेक्टर शैलेंद्र नारायण को 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
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मामला उस समय सामने आया जब मुस्कान मेडिकल एजेंसी के नाम से मेडिकल स्टोर खोलने के लिए जितेंद्र कुमार ने आवेदन औषधि नियंत्रण कार्यालय में दिया था। उन्होंने सभी जरूरी कागजात जमा कर दिए थे। लेकिन जांच के नाम पर उन्हें कई दिनों से ऑफिस का चक्कर लगवाया जा रहा था।
आरोप है कि ड्रग्स इंस्पेक्टर शैलेंद्र नारायण ने लाइसेंस जारी करने के एवज में 40 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। इससे परेशान होकर जितेंद्र कुमार ने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की। शिकायत की पुष्टि करने के बाद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया और बुधवार को पैसे की डील तय की गई।
तय योजना के अनुसार जैसे ही जितेंद्र कुमार ने ड्रग्स इंस्पेक्टर को रिश्वत की राशि सौंपी, मौके पर पहले से मौजूद निगरानी विभाग की टीम ने उसे रंगे हाथ धर दबोचा। गिरफ्तारी के बाद उसे मेडिकल जांच के लिए अरवल सदर अस्पताल ले जाया गया।
इस घटना ने औषधि नियंत्रण विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेडिकल व्यवसाय से जुड़े लोग पहले ही लाइसेंस जारी करने में देरी और अनियमितता की शिकायतें करते रहे हैं। वहीं इस कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में एक मजबूत संदेश गया है।
निगरानी विभाग की टीम आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है और ड्रग्स इंस्पेक्टर से पूछताछ की जा रही है।