Home पटना बिस्कोमान के असिस्टेंट गोडाउन मैनेजर ने रची अपहरण की झूठी साजिश

बिस्कोमान के असिस्टेंट गोडाउन मैनेजर ने रची अपहरण की झूठी साजिश

बिस्कोमान के असिस्टेंट गोडाउन मैनेजर (AGM) अविनाश राज

Bihar: बिस्कोमान के असिस्टेंट गोडाउन मैनेजर अविनाश राज के अपहरण की बात झूठी निकली, खुद ही अविनाश राज ने अपने ही अपहरण की साजिश रची और अपने परिवार वालों से 20 लाख की फिरौती की मांग की शुरुआती दौर में फिरौती के लिए अपहरण का मामला समझ कर पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू किया, पिता के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई और जब जाँच शुरू हुई तो 8 घंटे में ही पुलिस की टीम ने अविनाश राज को मुजफ्फरपुर के बस स्टैंड से बरामद कर लिया इसके बाद जब उससे पूछताछ की गई तो पूरे अपहरण के झूठे खेल का मामला सामने आया।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

गांधी मैदान थाना

जानकारी के अनुसार अविनाश कम समय में अधिक रुपए करवाना चाहता था इस कारण वह नौकरी करते हुए शेयर ट्रेंडिंग का भी काम करता था इसी के चक्कर में उसने 12 से 13 लाख अलग-अलग लोगों से कर्ज ले लिया और बाद में उसके पैसे डूब गए उसके बाद कर्ज देने वाले अपना कर्ज मांगने लगे रुपए वापस करने के लिए अविनाश पर दबाव बनाने लगे जिससे वह झेल नहीं पाया और रुपए वापस करने के लिए उसने अपहरण की झूठी साजिश रच डाली।

पुलिस के अनुसार 22 नवंबर को अविनाश बिस्कोमान ऑफिस से निकलकर पटना स्टेशन चला गया और वहां से ट्रेन पकड़कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन चला गया जब ट्रेन में था तभी मोबाइल से पत्नी पर एक मैसेज दिया और अपहरण की बात कह फिरौती की रकम अपने अकाउंट में भेजने की बात कही तब उस दिन रात में 10:30 बजे अविनाश के पिता गांधी मैदान थाने पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराई थी। ‌

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की और अविनाश के मोबाइल का टावर लोकेशन खंगाला तो मुगलसराय मिला जिसके बाद पुलिस की टीम वहां पहुंची लेकिन चंद घंटों में ही वहां से अविनाश निकल गया और इस नंबर पर सुबह उसका लोकेशन हाजीपुर मिला जिसके बाद दोपहर में वह मुजफ्फरपुर चला गया पुलिस की टीम भी गई और बस स्टैंड से उसे बरामद कर लिया पूछताछ में बताया की रुपए डूबने और कर्ज देने वालों के दबाव की वजह से वो डिप्रेशन का शिकार हो गया इसी कारण से उसने अपहरण की झूठी साजिश रची फिलहाल पुलिस ने अविनाश को उसके परिवार वालों को सौंप दिया है।

Exit mobile version