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दरअसल प्रशांत किशोर जनसुराज्य पदयात्रा के 54वे दिन की शुरुआत पूर्वी चंपारण के गायघाट पंचायत से जहां उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर राजनीति परिस्थितियां बदली तो नीतीश कुमार को बदलने में देर नहीं लगेगी, साल 2015 में नीतीश कुमार ने सदन में कहा था कि मिट्टी में मिल जाऊंगा लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाउगा और 2 साल बाद भाजपा के साथ चले गए इसके बाद उन्होंने कहा कि 2015-16 में जिस तरह खिड़की अरुण जेटली थे, ठीक उसी तरह राज्यसभा अध्यक्ष हरिवंश नारायण सिंह के माध्यम से वे भाजपा के संपर्क में है अगर भविष्य में नीतीश कुमार को जरूरत पड़ी तो उन्हें गठबंधन बनाने और भाजपा में शामिल होने में 1 मिनट लगेगा।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार कि बस एक ही प्राथमिकता है कि मैं मुख्यमंत्री बना रहूँ, बाकी जो राज्य में चलता है वह चलता रहे, अफसरशाही चलती रहे, तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि लालू यादव के लड़के होने के अलावा जैसे कि कोई पहचान नहीं है चाचा भतीजे में व्यक्तिगत पहचान केवल इतनी है कि तेजस्वी यादव ने शिक्षा ,खेलकूद या अन्य कोई सामाजिक कार्य या किसी भी क्षेत्र में ऐसा कोई काम नहीं किया जिसका संज्ञान लिया जाए, किसी जंगलराज को खत्म करने के नाम पर यहां काम कर रहे हैं और उसी को फिर पीछे के दरवाजे से घुसाने की कोशिश कर रहे हैं।