Bihar: बिहार सरकार जातिगत गणना और आर्थिक सर्वेक्षण पर कोई भी जोखिम लेना नहीं चाह रही है, इसीलिए जातिगत गणना के खिलाफ पिटीशनर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, उससे पहले ही राज्य सरकार सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है, बिहार सरकार ने दाखिल याचिका में अपील की है कि बिना सरकार का पक्ष सुने जातिगत गणना पर फैसला नहीं सुनाएं।
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सरकार ने कोर्ट में कैविएट अर्जी दाखिल की है वही मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को राहत देते हुए जातिगत गणना जारी रखने का आदेश दिया था, कोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर जातिगत गणना कराने का आदेश दिया सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी करते हुए कहा कि अगले कुछ दिनों में सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लें बिहार में जातीय गणना और आर्थिक सर्वेक्षण का काम दो चरणों में पूरा होना है पहला चरण पूरा हो चुका है दूसरे चरण का करीब 20% काम बाकी है।
वही दूसरे चरण का कार्य 15 अप्रैल से शुरू हुआ था और 15 मई को खत्म करना था लेकिन पटना हाई कोर्ट ने 7 मई को सर्वे पर अंतरिम रोक लगा दी इसके बाद सर्वे का काम रुक गया था, माना जा रहा है की अगले सप्ताह तक जातीय गणना का काम पूरा कर लिया जाना चाहिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की निगरानी में यह काम चल रहा है पटना हाईकोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला मिलने के बाद से मुख्य सचिव आमिर सुबहानी पिछले 24 घंटे में दो बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर चुके हैं।