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बताते चलें कि पटना हाईकोर्ट ने पिछले गुरुवार यानी 4 मई को जातिगत जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था हाईकोर्ट ने कहा था कि अब तक जो डेटा कलेक्ट हुआ है उसे नष्ट नहीं किया जाए, मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 3 जुलाई की तारीख तय की थी इसकी जल्द सुनवाई के लिए बिहार सरकार ने मांग की थी।
जातिगत जनगणना का काम 80% तक पूरा कर लिया गया है उसे 100% करने के लिए और समय की जरूरत है ऑफलाइन का काम करीब-करीब हो चुका है बाकी आंकड़ों को ऑनलाइन कलेक्ट करना है, 7 जनवरी से शुरू हुई गणना 15 मई को खत्म होने वाली थी लेकिन कोर्ट ने बीच में ही रोक लगा दी, कैबिनेट से पूरी गणना पर 500 करोड़ खर्च करने की मुहर लगी है लेकिन इसे कानूनी रूप नहीं दिया गया है।