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जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार केंद्र सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं कि पिछले 8 साल में नौकरी के लिए 22 करोड़ 5 लाख 99 हजार 238 आवेदन दिए गए थे केंद्र की सरकार सिर्फ 7 लाख 22 हजार 311 लोगों को ही नौकरी दे पाई यह आंकड़े 2014 से लेकर 2022 तक के हैं, कई ऐसे सेक्टर हैं, जहां एक लाख से भी ज्यादा वैकेंसी है फिर भी केंद्र की सरकार लोगों को नौकरी नहीं दे रही है सेना में 1 लाख से ज्यादा रिक्त पद है, लेकिन केंद्र की सरकार बहाली नहीं कर रही है।
केंद्र की सरकार व्यापारिक घरानों से इतनी घिर गई है वह नौकरी का सृजन नहीं कर पा रही है, केंद्र सरकार ने 8 साल में जितनी नौकरी दी है, बिहार सरकार ने कुछ महीनों में ही उतनी नौकरियां दे दी हैं शिक्षा और स्वास्थ्य में सबसे ज्यादा नौकरियां दी गई हैं। पुलिस में भी रोजगार बांटे गए हैं वही बीजेपी के प्रवक्ता विनोद कुमार शर्मा का कहना हैं कि केंद्र सरकार ने रोजगार देने का वादा किया था सिर्फ नौकरी देने का वादा नहीं किया था केंद्र की सरकार रोजगार को सृजित कर रही है केंद्र की सरकार स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा काम कर रही है, लोगों को उससे ज्यादा रोजगार मिल रहा है जिसे जदयू नौकरी कह रही है लेकिन जीवन यापन के लिए जो कुछ भी लोग कर रहे हैं उसे रोजगार कहा जाता है।