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बताया जाता है कि ग्राम एकौनी के राजपूत परिवार में 15 अगस्त 1912 को केदारनाथ सिंह का जन्म हुआ था देश को स्वतंत्र कराने में अंग्रेजो के खिलाफ इनकी संघर्ष की कहानी लंबी है, स्वतंत्रता संग्राम में इन्हीं कई बार जेल भी जाना पड़ा जेल नियमावली बदलाव के लिए भागलपुर जिले में अनशन भी किया, अंग्रेजों के दमनकारी नीति भगाने के लिए वह बराबर लड़ते रहे इसलिए उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।
अंग्रेज सरकार के द्वारा उन्हें काफी उत्पीड़ित किया गया, बताया जाता है कि केदारनाथ सिंह को गिरफ्तार करने के लिए अंग्रेजों की स्पेशल सेना गया जोन से भेजी गई थी, 1947 में देश आजाद हुआ उस समय केदारनाथ सिंह जेल में थे आजादी मिलने के बाद उन्हें भारत सरकार ने बरी किया, आजादी के बाद भी केदारनाथ सिंह किसानों के लिए लड़ते रहे, परिजनों ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में केदारनाथ सिंह कभी भी स्वतंत्रता संग्राम से विचलित नहीं हुए उन्होंने ने किसानों पर लगाई गई लेवी के बिरोध कर हटाने को बिबस किया, इसलिए केदारनाथ सिंह को किसान नेता कहा जाता है।
केदारनाथ सिंह किसानों के उत्थान के लिए संघर्ष करते रहे, आजादी मिलने के बाद भी वह चुपचाप बैठे नहीं रहे किसानों के लिए संघर्ष करते रहे, श्रद्धांजलि सभा के दौरान तेज बहादुर सिंह, राधेश्याम सिंह, सोनू सिंह, रतन सिंह, श्याम लाल यादव, गोपाल सिंह, प्रदीप पांडे आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।